भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में कॉलेज (MP Colleges) छात्रों के लिए बड़ी खबर है। कॉलेज द्वारा अंक ना भेजने की लापरवाही का नतीजा अब छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल कॉलेजों द्वारा आंतरिक मूल्यांकन (Internal evaluation) और प्रायोगिक परीक्षा (practical exam) के अंक समय पर विश्वविद्यालय को नहीं उपलब्ध कराए गए हैं। जिसके कारण नतीजे घोषित करने में लगातार देरी हो रही है। जिसके कारण से के छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।
राजधानी के दुर्गावती विश्वविद्यालय में 27 जनवरी को PG तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित की गई है। तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित करने से पहले ही उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेजों को आंतरिक मूल्यांकन और प्रायोगिक परीक्षा के अंक विभाग को सौंपने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके कॉलेज की तरफ से अब तक निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। वहीं कॉलेज द्वारा छात्रों के अंक विभाग को उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं।
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इधर प्रदेश में कोरोना काल को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नई तैयारी की गई है। प्रशासन द्वारा ऑनलाइन अंक भेजने की सुविधाएं दी गई है। वहीं अंक नहीं भेजने की वजह से एक बार फिर विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेजों के छात्र छात्राओं के परीक्षा परिणाम रोकने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेजों को चेतावनी भी दी गई है पिछले दिनों हुई बैठक में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्णय लिया गया।
जिसमें कहा गया कि शासक के कॉलेज के साथ ही निजी कॉलेजों में भी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अंक की प्रविष्टि नहीं की गई है। जिसके कारण परिणाम तैयार करने में काफी दिक्कत आ रही है। UG-PG सहित तृतीय सेमेस्टर के छात्र छात्राओं के प्रायोगिक नहीं भेजे जाने की वजह से और आंतरिक मूल्यांकन की प्रविष्टि नहीं होने की वजह से लगातार रिजल्ट रोके जा रहे हैं। इसके साथ ही उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेजों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि समय सीमा पर आंतरिक मूल्यांकन और प्रायोगिक परीक्षा के अंतिम विश्वविद्यालय पोर्टल पर की जाए जिससे छात्रों के रिजल्ट समय पर उपलब्ध हो सके। ऐसा नहीं करने की वजह से कई छात्र-छात्राओं के आगे की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।