भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) के शासकीय कॉलेजों (Government MP Colleges) को उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) ने बड़े निर्देश दिए हैं। अब प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेज उज्जैन मॉडल (Ujjain Modal) को फॉलो करेंगे। इसके साथ ही छात्रों के परफॉर्मेंस (Performance) और Grade Rating पर जोर देने के निर्देश भी दिए गए। जिसका फायदा UG और PG के छात्रों को होगा।
दरअसल उज्जैन के माधव साइंस कॉलेज को हाल ही में मूल्यांकन में ग्रेड ए प्लस हासिल हुआ है। जिसके बाद अन्य कॉलेजों को नैक मूल्यांकन में बेहतर इसको करने के लिए उज्जैन मॉडल को फॉलो करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही सभी कॉलेजों को उनकी विशेषता के आधार पर गीत भी तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं कॉलेज अपनी टाइमलाइन और लोगों को तैयार करेंगे और इसके साथ ही गीत को इसमें शामिल करेंगे।
बता दे माधव साइंस कॉलेज को 3.48 CGPA प्राप्त हुआ है। जिसके बाद हायर सेकेंडरी एजुकेशन के अधिकारियों द्वारा प्रदेश के कॉलेजों को भी परफॉर्मेंस बेहतर और रेटिंग में सुधार के लिए उज्जैन मॉडल को फॉलो करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही सभी सरकारी कॉलेज के प्रिंसिपल को भी इसे लागू करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त दीपक सिंह का कहना है कि इस साल के लिए 59 कॉलेजों के नैक मूल्यांकन के लिए अप्लाई किया गया था। इसके अलावा 75 अन्य कॉलेज को शामिल किया जा रहा है। उज्जैन मॉडल पर फोकस किया जा रहा है क्योंकि वहां बेस्ट प्रैक्टिस हुई है। इससे अन्य कॉलेज की नेक रेटिंग में सुधार किया जा सके।
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इसके साथ ही सभी सरकारी कॉलेज में क्या-क्या कदम उठाए गए हैं और परफॉर्मेंस बेहतर करने की लेकिन आयामों को तैयार किया गया है। इससे संबंधित जानकारी प्रिंसिपल को उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध करानी होगी। मामले में उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों ने छह क्राइटेरिया तय किए हैं। जिसमें विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों को समय पर करने के अलावा करिकुलम, टीचिंग लर्निंग, रिसर्च और एक्सटेंशन स्टूडेंट सपोर्ट एंड प्रोग्रेशन, गवर्नेंस एंड लीडरशिप और इंफ्रास्ट्रक्चर लर्निंग, रिसोर्सेस को शामिल किया गया है।
इसके साथ ही कॉलेज के छात्रों के लिए आचार संहिता बनाना होगा ताकि अनुशासन बनी रहे। साथ ही छात्रों के बेहतर परफॉर्मेंस के लिए प्लेसमेंट और पूर्व छात्रसंघ पूर्व छात्रों की सक्रिय भागीदारी को भी इसमें शामिल किया जाना अनिवार्य किया गया है। खेल गतिविधि को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही हायर एजुकेशन के अधिकारियों को कॉलेज के स्ट्रेटेजिक प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए। छात्रों से इसके फीडबैक भी लिए जाएंगे।