भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) ने होली (Holi2022) से पहले बड़ी घोषणा की है। दरअसल सरकारी नौकरी (MP Government Jobs 2022) की चाह रखने वाले युवाओं को इससे बड़ा लाभ होगा। दरअसल उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (mohan yadav) ने प्रेस कांफ्रेंस कर घोषणा की है कि नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत ही आगे की पढ़ाई शुरू की जाएगी। वहीं उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य ने नई शिक्षा नीति 2020 के तहत एक सत्र की पढ़ाई पूरी कर ली है। इतना ही नहीं उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने ऐलान किया है कि जल्द ही प्रदेश में डेढ़ हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती की जाएगी। इसके अलावा 1500 से अधिक लाइब्रेरियन असिस्टेंट प्रोफेसर सहित अन्य की भर्ती होगी।
मोहन यादव कहा कि ऑफलाइन परीक्षा के साथ-साथ हमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रहे जिसके माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग एक लंबी छलांग लगाने की तैयारी में है प्रदेश में शासकीय स्तर पर 200 महाविद्यालय में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जाएगी इसके अलावा प्रदेश के 10 संभाग में डिजिटल स्टूडियो की भी स्थापना होगी। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने घोषणा की है कि प्रदेश के 528 महाविद्यालय में से लगभग 300 महाविद्यालय में एकल संकाय की व्यवस्था है जबकि नई शिक्षा नीति के तहत हम महाविद्यालय को बहुसंकाय बनाने जा रहे हैं।
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इतना ही नहीं बड़ी घोषणा करते हुए मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के 150 शासकीय महाविद्यालय की गुणवत्ता अध्ययन केंद्र के रूप में उन्नयन किया जाएगा। इसके अलावा दूसरा विद्यालय में स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ की प्लेसमेंट और उद्यमिता सेवा की स्थापना की गई है। जिसमें लगभग ढाई लाख विद्यार्थियों की ट्रेनिंग कराई गई है। मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में Startup को बढ़ावा देने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से इंदौर ग्वालियर उज्जैन जबलपुर रीवा और भोपाल विश्वविद्यालय में इक्वेशन सेंटर की स्थापना की गई।
जिससे कई युवा लाभान्वित हुए हैं। वही अभी 200 महाविद्यालय ने उद्योग के साथ साझेदारी कर युवाओं को रोजगार के अवसर देने शुरू किए हैं। इसके लिए एमओयू किया गया है। मोहन यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश में एक बड़ा निर्णय डिजिटल लॉकर के रूप में लिया है विभिन्न प्रकार के सर्टिफिकेट और डिग्री के ऑनलाइन सत्यापन का अभाव रहता है डिजिटल लॉकर के माध्यम से यह काम आसान हो जाएगा।
इसके अलावा प्रदेश में ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम लांच किया जाएगा। जिससे घर बैठे बच्चे इसका लाभ ले सकेंगे। साथ ही महाविद्यालय व विश्वविद्यालय में आर्ट्स कॉमर्स और साइंस तीनों संकाय के रूप में इसकी पढ़ाई को अनिवार्य किया जाएगा। बच्चों को जैविक खेती जैसे विषयों को चुनने के साथ विश्वविद्यालय स्तर पर कृषि पाठ्यक्रम में बच्चों को रूची दिलाने एक वोकेशनल और विशेष कोर्स शुरू किए जाएंगे।