MP School : मंत्री इंदर सिंह परमार ने शिक्षकों को दिया निर्देश, नया ऐप लांच, छात्रों को मिलेगा लाभ

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा(MP School Eduction Department)  राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder singh parmar) ने शिक्षकों (Teachers) को बड़े निर्देश दिए है। इस दौरान इंदर सिंह परमार ने कहा कि छात्रों के व्यक्तिगत निर्माण में अहम भूमिका निभाई जाएगी। इसके लिए शिक्षकों को बढ़-चढ़कर आगे आना होगा। साथ ही उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया है कि वह हर क्षेत्र में जाकर छात्रों के साथ-साथ पालकों को भी बाल अधिकार के प्रति जागरूक करें।

स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि विद्यार्थियों में अच्छे-बुरे की समझ के साथ अपराध के प्रतिकार करने की क्षमता विकसित करने में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार केरियर लॉ कॉलेज के सभागृह में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

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राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि बच्चों का परिवार के बाद यदि किसी संस्था से संपर्क होता है तो वह स्कूल है। स्कूल में शिक्षक ही विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। इन्दर सिंह परमार ने कार्यशाला के माध्यम से सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्र में जाकर विद्यार्थियों के साथ पालकों में भी बाल अधिकार के प्रति जागरूकता विकसित करें। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और मानसिक रूप से सशक्त बच्चा ही श्रेष्ठ नागरिक बनता है।

राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग की “बाल बोल” एप और बच्चों को बाल अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए “बाल अधिकार” गीत लॉन्च किया। राज्य शिक्षा केंद्र के सहयोग से शिक्षा का अधिकार, बाल सुरक्षा, बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और साइबर काईम जैसे गंभीर विषयों पर मास्टर ट्रेनर बनाने के लिए कार्यशाला हुई।

आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने कार्यशाला के उद्देश्य और अपेक्षित परिणाम पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में सभी शिक्षक कार्यशाला से सीखकर बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य लाभ देंगे। बच्चों से संबंधित शिकायत प्राप्त करने के लिए विकसित एप बच्चों की शिकायत निवारण के साथ ही सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा। चौहान ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय स्तर पर कार्यरत शिक्षा विभाग के अधिकारियों का उन्मुखीकरण करना है, जिससे उनके संपर्क में आने वाले बच्चों एवं उनके पालकों को शिक्षा का अधिकार बाल सुरक्षा एवं मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी देकर उन्हें जागरूक कर सकें।

संयुक्त संचालक महिला बाल विकास विशाल नाडकर्णी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी चिंतित रहते हैं। उन्हें अपराध से बचाने और अधिकार के प्रति जागरूक करने के लिए यह कार्यशाला मदद करेगी। कार्यशाला के माध्यम से शिक्षक बच्चों के व्यवहार और विचार समझ के उन्हें संबल देंगे और अपराध से बचाएंगे।

 


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