नीट यूजी काउन्सलिंग (NEET UG 2025) पर बड़ी अपडेट आई है। एमबीबीएस और बीडीएस प्रोग्राम के लिए मेडिकल काउन्सलिंग कमिटी ने राउन्ड-1 सीट मैट्रिक्स का ऐलान कर दिया है। लिस्ट उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट mcc.nic.in पर जाकर चेक कर सकते हैं। चॉइस फिलिंग प्रक्रिया 28 जुलाई 2025 तक जारी रहेगी। इसके अलावा एमसीसी ने पीडबल्यूडी कैंडिडेट्स के लिए नए नियम भी जारी किए गए हैं।
प्रतिभागी संस्थानों की सीट मैट्रिक्स को पांच अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है। इस साल 775 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के लिए 1,15,900 सीटों पर एडमिशन मिलेगा। पहली सीट मैट्रिक्स में एम्स, बीएचयू, JIMPER को रखा गया है। लिस्ट में 3 एम्स संस्थानों- गोरखपुर, गुवाहाटीऔर भुवनेश्वर के नाम हटा दिए गए हैं।
दूसरी सीट मैट्रिक्स डीयू, आईपी, बीएचय, जामिया, एएमयू के लिए है। तीसरी ईएसआईसी आईपी और चौथी डीम्ड यूनिवर्सिटी की है। पांचवीं सीट मैट्रिक्स अन्य मेडिकल संस्थानों की है। नेहरु मेडिकल कॉलेज (बेलागावी, कर्नाटक) और हमदर्द इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च भी डीम्ड यूनिवर्सिटी की सूची में शामिल नहीं हैं।
पीडबल्यूडी उम्मीदवारों के लिए नए नियम
नीट यूजी 2025 के तहत एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले पीडबल्यूडी कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। नई गाइडलाइंस जारी की गई है। नियमों में बदलाव हुआ है। अब एमसीसी द्वारा मान्यता प्राप्त 16 स्पेशल केंद्रों से उम्मीदवारों को डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट लेना होगा। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उठाया गया है। छात्रों के पास यूडीआईडी कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज भी होना चाहिए। जिसकी लिस्ट नोटिफिकेशन में उपलब्ध है।
2025072196काउन्सलिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी काउन्सलिंग पर रोक लगाने की माँग को ख़ारिज कर दिया है। मध्यप्रदेश के केंद्रों में बिजली गुल होने के कारण प्रभावित छात्रों ने याचिका दायर की थी। अब अगली सुनवाई 25 जुलाई 2025 को होगी। इससे पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भी उम्मीदवारों को राहत देने से मना कर दिया था। री-एग्जाम और बोनस अंको की मांग से इनकार कर दिया था। जिससे बाद स्टूडेंट्स से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
एमपी नीट यूजी काउन्सलिंग को लेकर भी अपडेट
एमपी नीट यूजी काउन्सलिंग राउन्ड-1 के रजिस्ट्रेशन जारी हैं। अब DME, एमपी ने ऑफिशियल वेबसाइट dme.mponline.gov.in पर स्कॉलरशिप को लेकर नई गाइडलाइन्स जारी की है। ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, एससी और एसटी कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए विभाग ने बदलाव किया है। एमबीबीएस प्रोग्राम के लिए एमपी के शासकीय मेडिकल कॉलेज में निर्धारित अधिकतम शुल्क की राशि के हिसाब से मेधावी छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में छात्रवृत्ति दी जाएगी। कोर्स पूरा होने के बाद अगले 5 वर्षों के लिए राज्य शासन द्वारा निर्धारित ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने पर सेवा काल के अनुपात में दिन की अतिशेष राशि को कम माना जा सकेगा।
जैसे कि यदि ढाई साल काम करने पर 50% ऋण भुगतान किया हुआ माना जाएगा।। वहीं 5 साल की उपरोक्त सेवा के बाद अतिदेय राशि को शून्य मान किया जाएगा। 5 वर्ष की ग्रामीण क्षेत्र की में काम न करने की स्थिति में आनुपातिक रूप से शेषराशि शासन को वापस किया जाना जरूरी होगा। स्कीम के तहत एमबीबीएस पाठ्यक्रम में 5 लाभ के लिए परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक ढाई लाख के अंतर्गत होना चाहिए। एमपी के मूल निवासी विद्यार्थियों को नीट परीक्षा परीक्षा के जरिए से एमपी के शासकीय एवं प्राइवेट मेडिकल कॉलेज/ केंद्र सरकार की सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध होगी। यह व्यवस्था अकादेमिक सेशन 2025- 26 के लिए लागू है।
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