ये हैं मेडिकल के 5 सबसे आसान कोर्स, NEET UG की जरूरत नहीं, समय और सिलेबस दोनों कम, करियर के लिए शानदार विकल्प

एमबीबीएस के अलावा भी मेडिकल के कई कोर्स उपलब्ध हैं। जो 12वीं के बाद एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकते हैं। इनका सिलेबस भी कम होता है। 3-4 साल में पूरा हो सकता है। आइए एक नजर इन पाठ्यक्रमों पर डालें- 

नीट यूजी में सफलता न मिलने के बाद लाखों छात्र तनाव में रहते हैं। उन्हें लगता है मेडिकल के लिए एमबीबीएस के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता है। लेकिन ऐसा नहीं है। ऐसे कई कोर्स हैं, जो मेडिकल से संबंधित होने के साथ-साथ एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकते हैं। इन्हें पूरा करना काफी आसान होता है। सिलेबस भी कम होता है। बिना कोई प्रतियोगी परीक्षा (NEET UG 2025) पास किए छात्र इनमें दाखिला ले सकते हैं।

दरअसल, पैरामेडिकल कोर्स को MBBS या एमडी की तुलना में आसान माना जाता है। इन्हें 3 से 4 साल की अवधि में पूरा किया जा सकता है। हालांकि कोर्स आसान है या नहीं यह पूरी तरह छात्र की रुचि और योग्यता पर निर्भर करता है। इस लिस्ट में नर्सिंग, फार्मसी, फिजियोथेरपी इत्यादि शामिल हैं। ऐसे ही कुछ कोर्स के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। जिसमें छात्र 12वीं के बाद दाखिला ले सकते हैं।

बीएससी नर्सिंग (Easiest Medical Courses)

बैचलर ऑफ साइंस इन नर्सिंग कोर्स को एक बेहतरीन करियर विकल्प माना जाता है। इसकी अवधि 4 साल होती है। जिसमें 6 महीने की इंटर्नशिप भी शामिल है। कुछ संस्थान एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते हैं। वहीं कुछ 12वीं के अंकों के आधार पर दाखिला लेते हैं। पाठ्यक्रम में छात्रों को मरीजों की देखभाल, हेल्थ सर्विस और अस्पताल प्रबंधन संबधित ट्रेनिंग दी जाती है।

बीएससी न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स 

यह कोर्स भी छात्रों के लिए अच्छा विकल्प बन सकता है। एडमिशन नीट यूजी पास करना जरूरी नहीं होता है। 12वीं में गणित, केमिस्ट्री और बायोलॉजी पढ़ने वाले छात्र दाखिला ले सकते हैं। इसकी अवधि 3 से 4 साल होती है। 2 से 5 लाख रुपये तक वेतन कमाया जा सकता है।

बीएससी मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नॉलॉजी 

इस लिस्ट में बैचलर ऑफ साइंस इन मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नॉलॉजी भी शामिल है। इसे 3 से 4 साल में पूरा कर सकते हैं। गणित, केमिस्ट्री और बायोलॉजी पढ़ने वाले स्टूडेंट्स एडमिशन ले सकते हैं।

बैचलर ऑफ फार्मसी 

इस कोर्स को भी 12वीं पास वालों के लिए एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है। इसकी अवधि 4 साल होती है। कम से कम 2-4 लाख रुपये सलाना इनकम होती है। 50% अंकों के साथ विज्ञान के साथ बारहवीं पास छात्र दाखिला लेने के छात्र हैं।

 बैचलर ऑफ फिजियोथेरपी 

इस कोर्स की अवधि 4.5 साल होती है, जो एमबीबीएस से कम है। कम से कम 3 लाख रुपये सलाना इनकम हो सकती है। देश में कई कॉलेज कोर्स ऑफर करते हैं। 12वीं में पीसीबी पढ़ने वाले स्टूडेंट्स एडमिशन ले सकते हैं।  बैचलर इन बायोटेक्नोलॉजी के साथ मेडिकल से जुड़े डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स भी आसान और किफायती विकल्प माना जाता है।


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Manisha Kumari Pandey

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