भारत में नीट यूजी को कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसे पास हर किसी के लिए संभव नहीं है। एनटीए ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा के परिणामों (NEET UG Result) की घोषणा कर दी है। कई छात्रों के निराशा लगी है। एमबीबीएस में एडमिशन नहीं मिल सकता है। ऐसे में उन्हें समझ नहीं क्या करना सही रहेगा। पात्र अभ्यर्थी दोबारा नीट यूजी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। वहीं कुछ लोग के पास यह विकल्प भी नहीं होता।
एमबीबीएस प्रोग्राम को बेस्ट मेडिकल कोर्स माना जाता है। छात्रों को डॉक्टर बनने का मौका मिलता है। इस पाठ्यक्रम में मॉडर्न मेडिसिन और क्लीनिकल स्किल के बारे में पढ़ाया जाता है। ऐसे कुछ कोर्स हैं, जो मेडिकल क्षेत्र में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए बेहतर करियर ऑप्शन बन सकता है। इस लिस्ट में फार्मसी, नर्सिंग, बायोटेक्नोलॉजी इत्यादि शामिल हैं। ऐसे ही कुछ विकल्पों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं ।
बैच्लर ऑफ साइंस इन नर्सिंग (बीएससी नर्सिंग)
इन दिनों को नर्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है। बीएससी नर्सिंग छात्रों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकता है। इसकी अवधि 4 साल होती है। इस्मरण पब्लिक हेल्थ, क्लीनिकल केयर और हॉस्पिटल मैनेजमेंट के बारे में पढ़ाया जाता है। भारत में नर्स की सैलरी 3 से 5 लाख रुपये सालाना होती है। विदेश में जॉब करने पर 20 से 50 लाख रुपये सलाना कमी हो सकती है।
बैच्लर ऑफ फार्मसी (बी फार्मा)
बैच्लर ऑफ फार्मसी को भी एक बेहतरीन करियर विकल्प माना जाता है। इसकी अवधि भी 4 साल होती है। 12वीं पास स्टूडेंट्स यह कोर्स के कटे हैं। नीट यूजी के अलावा एमएचटी सीईटी और अन्य स्टेट एन्ट्रेंस एग्जाम के आधार पर भी दाखिला मिलता है।
ये कोर्स भी चुन सकते हैं छात्र
- बैच्लर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस)- नीट यूजी स्कोर से बीडीएस कोर्स में भी एडमिशन मिलता है। इसकी अवधि 5 साल होती है। इसमें एक साल की इंटर्नशिप भी शामिल है।
- बैच्लर ऑफ आयुर्वेद मेडिकल एंड सर्जरी (बीएएमएस)- इस कोर्स में आयुर्वेद सिद्धांतों, डायग्नोसिस और जड़ी-बूटी के बारे में पढ़ाया जाता है। यह भी करियर के लिए बेहतरीन ऑप्शन बन सकता है। इसकी अवधि 5.5 साल होती है।
- बैच्लर ऑफ फिजियोथेरपी (बीपीटी)- यह एक 4 वर्षीय प्रोग्राम है। इसमें छात्रों को बायमैकेनिक्स, चिकित्सीय व्यायाम इत्यादि के बारे में पढ़ाया जाता है। इसमें 6 महीने की इंटर्नशिप भी शामिल है।
- बीएससी एंड एच- बैच्लर ऑफ वेट्रनेरी साइंस और एनिमल हस्बैंड्री भी एक बेहतरीन करियर ऑप्शन बन सकता है। इसमें छात्रों को पेट केयर के बारे में पढ़ाया जाता है। इसकी अवधि 5.5 साल होती है।
- बीएससी इन बायोटेक्नोलॉजी- इस कोर्स की अवधि 3 से 4 साल होती है। इसमें बायोलॉजी के इस्तेमाल के पर्यावरण के लिए टेक्नोलॉजी और प्रॉडक्ट्स बनाने के बारे में पढ़ाया जाता है।
- बीएससी इन बायो मेडिकल साइंस– इस पाठ्यक्रम की अवधि 3 से 4 साल होती है। 12वीं पास इसमें दाखिला ले सकते गईं। एम्स समेत कई संस्थान यह कोर्स ऑफर करते हैं। नीट यूजी की जरूरत पड़ेगी।
- बीएचएमएस– इस कोर्स में छात्रों को हैमयोपैथिक मेडिसिन के बारे में पढ़ाया जाता है। नीट यूजी के जरिए एडमिशन मिलता है।
- बीयूएमएस और बीएसएमएस– इस दोनों कोर्स में भी नीट यूजी स्कोर के आधार पर दाखिला मिलता है। बीयूएमएस में उनानी मेडिसिन के बारे में पढ़ाया जाता है। वहीं बीएसएमएस सिद्धा सिस्टम से संधित होता है। इसके अलावा अन्य पैरामेडिकल कोर्स में भी स्टूडेंट्स दाखिला ले सकते हैं।





