MBBS Without Biology : डॉक्टर बनने के लिए बायोलॉजी सब्जेक्ट लेना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। बायोलॉजी विषय के स्टूडेंट मेडिकल और उससे जुड़ी फील्ड में जाते हैं। इसके लिए 11वीं में ही बायोलॉजी सब्जेक्ट का चयन करना पड़ता है। लेकिन स्टूडेंट्स को सब्जेक्ट चयन करने में काफी ज्यादा सोचना समझना पड़ता है। कई बार स्टूडेंट भौतिक, रसायन विज्ञान गणित के साथ 12वीं परीक्षा पास करते हैं, लेकिन बाद में उन्हें डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं या डॉक्टर की फिल्ड में जाना चाहते हैं लेकिन जा नहीं पाते हैं क्योंकि उन्होंने बायोलॉजी विषय नहीं लिया होता है न ही उससे जुड़ा कुछ नॉलेज होता है।
इस वजह से उनका सपना अधूरा रह जाता हैं। इस ट्रेडिशनल पैटर्न में बदलाव लाया जा रहा है। अब बिना बायोलॉजी सब्जेक्ट पढ़े भी स्टूडेंट्स डॉक्टर बन सकते हैं। जी हां, अगर आप डॉक्टर बनना चाहते हैं या उससे जुड़ी फिल्ड में जाना चाहते हैं तो अब आपको 12वीं में बायोलॉजी लेना जरुरी नहीं होगा। आपको बता दे, एनएमसी ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं जिसके मुताबिक अब स्टूडेंट के पास 10 + 2 में बायोलॉजी नहीं रहा है तो भी वह डॉक्टर बन सकते हैं। चलिए जानते हैं कैसे?
क्या है नई गाइडलाइन?
नई गाइडलाइन के मुताबिक, नेशनल मेडिकल कमीशन ने ये छूट स्टूडेंट्स को दी है कि जो बिना बायो के 12 वीं पास कर चुका है या फिर जिन स्टूडेंट्स ने बायो नहीं लिया है लेकिन डॉक्टर बनाना चाहते हैं तो वह बायोलॉजी की परीक्षा अलग से पास कर सकते हैं। जिन बच्चों ने फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स से 12वीं में पढ़ाई की है और वह आगे डॉक्टर की फिल्ड में जाना चाहते हैं टी वह अलग से 12वीं की बायोलॉजी या बायोटेक्नोलॉजी की परीक्षा दे सकेंगे। किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से परीक्षा दी जा सकती है।
इतना ही नहीं एनएमसी का कहना है कि मैथ्स सब्जेक्ट से पढ़ने वाले बच्चे अगर इंडिया के एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं तो वह भी नीट यूजी की परीक्षा दे सकते हैं। खास बात ये है कि इसके लिए स्टूडेंट्स को एलिजबिलिटी सर्टिफिकेट भी जारी कर के दिया जाएगा। ताकि उनके पास इसका लीगल प्रूफ रहे और वह विदेश में डॉक्टर की पढ़ाई करने के लिए जा पाए।