PG Course Admission : यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) कोर्स के लिए नए नियम जारी किए हैं, जो छात्रों के लिए बड़े बदलाव और राहत लेकर आए हैं। दरअसल ये नियम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के मुताबिक बनाए गए हैं, जिसका उद्देश्य छात्रों को बेहतर शिक्षा अनुभव प्रदान करना है। नए नियमों से छात्रों को अधिक विकल्प, लचीलापन और स्वतंत्रता मिलेगी।
जानिए यह नए नियम:
दरअसल पीजी कोर्स में अब छात्रों को 1 साल, 2 साल का कोर्स, या पीजी डिप्लोमा का विकल्प मिलेगा। इसके साथ ही, छात्रों को पहले साल के बाद पढ़ाई छोड़ने की स्वतंत्रता भी होगी। यह नियम उन छात्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा जो किसी कारणवश अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते हैं।
पढ़ाई का मोड:
जानकारी के अनुसार छात्र अब विभिन्न मोड का चयन कर सकते हैं, जैसे कि ऑफलाइन, ऑनलाइन, ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) या हाइब्रिड मोड। इससे छात्रों को अपनी सुविधानुसार पढ़ाई करने का मौका मिलेगा, जो विशेषकर उन छात्रों के लिए उपयोगी होगा जो किसी कारणवश नियमित कक्षाओं में शामिल नहीं हो सकते।
अन्य विषयों में पीजी:
इसके साथ ही जो छात्र ग्रेजुएशन के साथ किसी अन्य विषय में पीजी करना चाहते हैं, उनके लिए भी यह नए नियम लागू होंगे। इससे छात्रों को अपनी रुचियों और करियर विकल्पों के अनुसार अपने अध्ययन क्षेत्र का चयन करने में मदद मिलेगी।
विषय और क्रेडिट फ्रेमवर्क:
वहीं छात्रों को अब विभिन्न विषयों के बीच पढ़ाई करने का विकल्प मिलेगा, जो उनकी रुचि और आवश्यकताओं के अनुसार होगा। इससे छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान प्राप्त करने और अपने कौशल को विकसित करने का अवसर मिलेगा।
2 साल का रिसर्च बेस्ड प्रोग्राम:
दरअसल जो छात्र 3 साल का बैचलर्स कोर्स पूरा कर चुके हैं, उनके लिए 2 साल का रिसर्च बेस्ड प्रोग्राम उपलब्ध होगा। यह प्रोग्राम उन छात्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा जो रिसर्च में रुचि रखते हैं और आगे की पढ़ाई में गहराई से ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं।
1 साल का पीजी प्रोग्राम:
जो छात्र ऑनर्स या रिसर्च के साथ 4 साल का ग्रेजुएशन पूरा कर चुके हैं, उनके लिए 1 साल का पीजी प्रोग्राम उपलब्ध होगा। यह प्रोग्राम उन छात्रों के लिए उपयुक्त होगा जो जल्दी से अपना पीजी पूरा करना चाहते हैं और करियर में आगे बढ़ना चाहते हैं।
नए एवं विशेष कोर्स:
विश्वविद्यालयों को मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस जैसे नए और विशेष कोर्स की पढ़ाई कराने के निर्देश दिए गए हैं। इससे छात्रों को आधुनिक और प्रासंगिक कौशल प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जो आज के प्रतिस्पर्धी करियर परिदृश्य में बहुत महत्वपूर्ण है।