बुढ़ापे में रहना है मालामाल तो बस इन पांच गलतियों से रहें दूर

Shashank Baranwal
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Retirement Plan:

Retirement Plan: रिटायरमेंट से जुड़ी प्लानिंग तो तकरीबन सभी लोग करते हैं। लेकिन अधिकांश लोग ऐसे समय की सेविंग के दौरान कुछ गलतियां कर देते हैं। आप भी चाहते हैं कि आपका बुढ़ापा अच्छा हो तो पैसे जोड़ना बहुत जरूरी है। लेकिन इस दरमियान ये गलती बिलकुल न करें।

अक्सर होता ये है कि अपनी सेविंग के खातिर अधिकांश लोग ईपीएफ पर भरोसा करते हैं। इस वजह से वो रिटायरमेंट के लिए कोई और प्लानिंग नहीं कर पाते हैं। ईपीएफ का ब्याज सरकार तय करती है। इसके बजाए आप मार्केट से कुछ अच्छे विकल्प चुन सकते हैं।

नौकरी लगने के बाद भी अक्सर अधिकांश लोग सेविंग की शुरुआत देर से करते हैं। सेविंग जितनी जल्दी होगी उतना ही अच्छा होगा। इसलिए निवेश करने में देर न करें और सेविंग को ज्यादा से ज्यादा स्ट्रॉन्ग बनाए।

रिटायरमेंट की उम्र को साठ साल मानकर चलना भी बड़ी गलती है। हो सकता है कि आप साठ से पहले ही काम करना बंद कर दें या फिर काम करने की स्थिति में न रहें। ऐसे समय में रिटायरमेंट प्लान को थोड़ा पहले से ही प्लान करना ज्यादा बेहतर होगा।

अगर आप नौकरी बदलते हैं तो जरूरी है कि ईपीएफ के पैसों को ट्रांसफर करते रहें। अगर पैसे ट्रांसफर नहीं हुए तो ब्याज का नुकसान हो सकता है। ऐसे में नौकरी बदलने पर आपको पैसों को ट्रांसफर करना ज्यादा जरूरी है।

महंगाई के फैक्टर को भी ध्यान में रखना जरूरी है। अगर आप महंगाई को ध्यान में नहीं रखते तो सेविंग पर असर पड़ता है। सेविंग का हिसाब किताब गड़बड़ाने से पहले ही महंगाई बढ़ने के साथ बजट बना लें।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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