एक्शन में UGC, एक साथ 89 कॉलेजों को नोटिस जारी, लिस्ट में एम्स, आईआईटी, AMU और इग्नू भी शामिल, ये है वजह, देखें खबर

यूजीसी ने एंटी-रैगिंग नियमों का उल्लंघन करने पर कई संस्थानों को नोटिस जारी किया है। जवाब भी मांगा है। सूची में कई प्रतिष्ठ संस्थान शामिल हैं। आइए जानें आयोग ने यह कदम क्यों उठाया?

रैगिंग एंटी रैगिंग नियमों का अनुपालन न करने पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सख्ती दिखाई है। एक साथ 89 उच्च शिक्षा संस्थानों को कारण बताओं नोटिस जारी किया है। साथ इन इन विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए हैं। जिसका पालन जरूरी होगा। इस नोटिस को प्राथमिकता देने को भी कहा है, इसपर कार्रवाई न होने पर यूजीसी सख्त कदम भी उठा सकता है। मान्यता भी रद्द कर सकता है।

ये संस्थान UGC द्वारा जारी की गई सलाह एंटी, रैगिंग हेल्पलाइन से अनुवर्ती, कॉल और एंटी रैगिंग मॉनिटरिंग एजेंसी द्वारा सीधे हस्तक्षेप के बावजूद छात्रों द्वारा अनिवार्य एंटी रैगिंग अंडरटेकिंग और अपने संस्थानों द्वारा अनुपालन प्रस्तुत करने में विफल रहे हैं। आयोग ने कहा, “सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में रैगिंग पर यूजीसी रेगुलेशन 2019 का पालन अनिवार्य होता है। इसका पालन न करना केवल यूजीसी दिशा निर्देशों का उल्लंघन है बल्कि छात्रों की सुरक्षा के साथ भी अमझौता करना है। खास कर रैगिंग से संबंधित संकट और कैंपस में शत्रुता के बारे में बढ़ती चिताओं को ध्यान में रखते हुए तत्काल कार्रवाई जरूरी है।”

संस्थानों को दिए ये निर्देश

यूजीसी ने इस लिस्ट में शामिल सभी संस्थानों को एंटी रैगिंग अनुपालन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। 30 दिनों के भीतर सभी छात्रों से वचनवद्धता प्राप्त करने को भी कहा गया है। इसके अलावा कैंपस में रैगिंग रोकने के उपायों को अपनाने का निर्देश भी दिया है।

निर्देशों का पालन न करने पर होगी कार्रवाई 

यदि संस्थान निर्धारित समय के भीतर नियमों का अनुपालन नहीं करते हैं तो विनियामक कार्रवाई भी हो सकती है। यूजीसी अनुदान और वित्तपोषण वापस लेने से वित्तीय सहायता और अनुसंधान परियोजनाएं प्रभावित होगी। गैर अनुपालन का सार्वजनिक प्रकटीकरण और संस्थानों को यूजीसी वेबसाइट पर गैर अनुपालनकर्ता के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा। मान्यता रद्द करने या संबद्धता वापस लेने पर भी विचार हो सकता है।

यहाँ देखें संस्थानों की लिस्ट 

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Manisha Kumari Pandey

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