UGC Notice: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने उच्च शिक्षा संस्थानों को फूड सेफ़्टी और बेसिक लाइफ सपोर्टिंग ट्रेनिंग को लेकर निर्देश जारी किया है। इस संबंध में आयोग ने यूनिवर्सिटी और महाविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखा है। साथ ही कुछ बिंदुओं पर काम करने की सलाह दी है। ये निर्देश छात्रों, संकाय सदस्य और सभी स्टाफ पर लागू होंगे।
BLS ट्रेनिंग कॉलेजों में हो अनिवार्य-यूजीसी
यूजीसी ने अचानक कार्डियक अरेस्ट से मृत्यु दर को कम करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों में बीएलएस यानि बेसिक लाइफ सपोर्ट ट्रेनिंग तकनीक परिशिक्षण की मांग से संबंधी एक पत्र कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के प्रमुख को भेजा है। पत्र में आयोग ने कहा, “जैसा की आप जानते हैं, अचानक कार्डियक अरेस्ट के मामले भारत में मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण बन गए हैं, जिससे हर साल हजारों लोगों की जान चली जाति है। एक स्टडी से पता चलता है कि देश में वार्षिक मृत्यु दर एक करोड़ है, जिसमें से 10 लाख लोग ऐसे हैं जिनकी मौत अनचक हृदय गति रुकने से होती है।”
आगे यूजीसी ने लिखा, हृदय गति रुकने के दौरान यदि 3-10 मिनट के भीतर छाती दबाते हैं तो 3.5 लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है। लेकिन दुर्भाग्य से मात्र 0.1% लोग ही बीएलएस सपोर्ट तकनीकों के बारे में जानते हैं। ऐसे में यदि शिक्षा क्षेत्र में BLS ट्रेनिंग प्रदान करना जरूरी कर दिया जाए तो कई लोगों की बच सकती है।” आयोग ने उच्च शिक्षा संस्थानों से छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के फायदे के लिए चिकित्सा बिरादरी के परामर्श से बीएलएस ट्रेडिंग प्रदान करने का अनुरोध किया है।
फूड सेफ़्टी को लेकर यूजीसी ने जताई चिंता
खाद्य सुरक्षा जीवन का महत्वपूर्ण पहलू है। अनुचित भोजन के कारण हर साल लाख लोगों अपनी बीमार होते हैं। जिसे लेकर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक नियामक (FSSAI) उपभोक्ताओं को शिक्षित और बनाने के लिए स्वस्थ्य भोजन की आदतों, सूचना और शिक्षा अभियानों लेकर अपडेट करता है। सेफ़्टी को लेकर यूजीसी ने सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को लेकर नोटिस जारी किया है। साथ ही उच्च शिक्षा उच्च शिक्षा संस्थानों ने अनुरोध किया है कि वे एसएसएसएआई सबदेशों का प्रचार-प्रसार शुरू करें और खाद्य सुरक्षा पहल का समर्थन करें। ऐसा करने से खाद्य सुरक्षा चेतना की संकृति को बढ़ावा मिलेगा और छात्रों की भी भलाई होगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य छात्रों को खाद्य सुरक्षा प्रथाओं के महत्व के बारे में शिक्षित करना है, ताकि वे अपनी डाइट संबंधी आदतों के बारे में सूचित विकल्प चुनने के लिए सशक्त बन सके।