हर विषय के लिए अलग प्रश्नपत्र होते थे। अब नए रेगुलेशन में इसमें बदलाव होगा। पहला प्रश्न पत्र सभी अभ्यर्थियों के लिए एक जैसे तैयार किया जा रहा है। जिसमें रिसर्च मेथाडोलॉजी से संबंधित प्रश्न शामिल होंगे। दूसरा प्रश्न पत्र संबंधित विषय की विषय वस्तु से तैयार किया जाएगा। वही शोध से संबंधित प्रश्नावली में शामिल किया जाएगा। यह 50 अंक के प्रश्न होंगे। दूसरे प्रश्न पत्र भी इतने ही अंक के होंगे लेकिन इसे संबंधित विषय पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे।
नई गाइडलाइन के तहत शोधार्थी की ओर से थीसिस जमा कर दी जाएगी। जिसमें 6 महीने के भीतर वायवा कराना अनिवार्य होगा। यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार यह जिम्मेदारी संबंधित विश्वविद्यालय की होगी। पहले फाइनल वायवा 1 से 2 साल तक भी कराया जाता था। यूजीसी रेगुलेशन के तहत पीएचडी प्रवेश परीक्षा के प्रश्न पत्रों में बदलाव किया जा रहा है। जिसे आगामी सत्र के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा में लागू करने की योजना तैयार की गई है।
नया फ्रेमवर्क जारी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मंगलवार को नया फ्रेमवर्क जारी किया गया है। जारी नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क में पूरे धर्म शास्त्र, ज्योतिष आदि भारतीय ज्ञान परंपरा के अन्य मुख्य शामिल करने की पहल की गई है। इसमें भारतीय ज्ञान परंपरा की 18 प्रमुख विधाओं और 64 कला कौशल आदि का भी उल्लेख किया गया है।
जरूरी कदम उठाने के निर्देश
आयोग द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सामान्य शिक्षा और व्यवसायिक शिक्षा के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया गया है। साथ ही नोटिस के साथ एनसीआरएस रिपोर्ट को भी संलग्न किया गया है। जिसमें सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों में से लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
NCRF में कहा गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य में एक अहम मुद्दा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने वाले को क्रेडिट प्रदान करने की है। विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने वाले को क्रेडिट प्रदान करने का खेल, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक कार्य, ललित कला, परंपरा, धरोहर, साहित्य आदि क्षेत्रों में भी बढ़ावा दिया जाएगा। इससे छात्रों को राहत मिलेगा।