UGC Fee Refund Policy: फीस रिफ़ंड पॉलिसी को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सख्त रुख लिया है। आयोग उन संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, जो दाखिला रद्द के बाद भी छात्रों को फीस वापस नहीं लौटाएंगे। छात्रों और अभिभावकों की शिकायत पर आयोग ने कठोर नीति तैयार की है। नए नियम इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, मेडिकल समेत सभी विश्वविद्यालय पर लागू होंगे। पहली बार शुल्क वापसी को लेकर सख्त कार्रवाई का फ्रेमवर्क तैयार किया गया है।
कॉलेज-यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी
नीति का पालन न करने पर यूजीसी उच्च शैक्षणिक संस्थानों का अनुमोदन रोकने से लेकर डिफॉल्टर लिस्ट में भी डाल सकता है। मान्यता भी रद्द हो सकती है। इस संबंध में केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय में सचिव मनीष जोशी ने इस संबंध में नोटिस भी जारी किया है।
क्या है नियम?
आयोग के इस पॉलिसी के तहत छात्र एक निर्देशित अवधि के भीतर पूरी फीस वापस करने अनुमति दी जाएगी। ताकि वे अपनी पसंद के पाठ्यक्रम चुन सकें। सेशन 2024-25 के लिए 30 सितंबर तक छात्र फीस रिफ़ंड के लिए आवेदन कर सकते हैं। संस्थानों को प्रोसेसिंग फीस के रूप में 1000 रुपए से अधिक कटौती की अनुमति नहीं होगी।
कितनी फीस वापस मिलेगी?
औपचारिक दाखिला करवाने की अंतिम तिथि अधिसूचित होने से 15 दिन के भीतर या इससे पहले एडमिशन रद्द होने 100% फीस वापसी होगी। 15 दिन से कम अवधि के भीतर एडमिशन रद्द करने पर 90% फीस वापसी होगी। एडमिशन अधिसूचित होने के 15 दिन बाद और 30 दिन से पहले के लिए 50% फीस वापस होगा। वहीं एडमिशन के 30 दिन बाद 0% फीस वापसी होगी।