शिक्षा मंत्रालय का बड़ा कदम: स्कूलों में अब UPI के जरिए होगा फीस भुगतान, राज्यों को पत्र लिखा गया

 एजुकेशन सेक्टर में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की सलाह दी है। इससे संबंधित पत्र सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखा गया है। 

नई शिक्षा नीति 2020 के तहत अब तक एजुकेशन सेक्टर में कई बदलाव हो चुके हैं। स्कूल शिक्षा को सुगम बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने स्कूलों फीस भुगतान समेत अन्य वित्तीय लेनदेन के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) का इस्तेमाल करने के लिए करने की अपील की है। शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य हितधारकों को एक पत्र भी लिखा है।

इस पत्र में प्रशासनिक प्रक्रियाओं खासकर स्कूलों में होने वाले वित्तीय लेनदेन से संबंधित प्रक्रिया का आधुनिकरण करने को कहा गया है। ताकि एग्जाम फीस, ट्यूशन फीस और अन्य ट्रांजेक्शन को सुगम और ट्रांसपेरेंट बनाया जा सके। इस पत्र में नकद-आधारित से डिजिटल भुगतान में बदलाव के अनेक फ़ायदों के बारे में बताया गया है। यदि यह नियम लागू होता है, तो अभिभावकों और छात्रों को हर महीने स्कूल जाकर शुल्क का भुगतान नहीं करना है। वे घर बैठे की इस काम को पूरा कर पाएंगे। साथ ही फीस पेमेंट के लिए एक पारदर्शिता और सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

सीबीएसई, केवीएस और एनवीएस स्कूल भी लिस्ट में शामिल 

यूपीआई, मोबाइल वॉलेट और नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल पेमेंट प्लेटफार्म का विस्तार दिन-प्रतिदिन तेजी से हो रहा है। अब यूपीआई भारत तक ही सीमित नहीं है। इसका इस्तेमाल कई देशों में हो रहा है। मंत्रालय ने स्कूलों को इस अवसर का लाभ उठाते हुए सभी राज्यों  केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों के अंतर्गत स्वयत्त निकायों जैसे एनसीईआरटी, सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस स्कूल को ऐसे टूल्स का पता लगाने और उन्हें लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया है। स्कूलों को सुरक्षित और पारदर्शी डिजिटल माध्यमों से प्रवेश और परीक्षा शुल्क कलेक्ट करने की सलाह दी गई है।

वित्तीय साक्षरता की तरफ यह बड़ा कदम

विभाग ने पत्र में कहा कि, “यदि स्कूल डिजिटल भुगतान की दिशा में कदम उठाते हैं, तो यह शैक्षिक प्रशासन को सरकार के डिजिटल बदलाव की व्यापक लक्ष्य के साथ जोड़ने में एक बड़ा योगदान होगा। इससे सभी छात्र, अभिभावक और अन्य हितधारक अधिक वित्तीय रूप से साक्षर बन पाएंगे। इस तरह डिजिटल लेनदेन की एक व्यापक दुनिया खुल जाएगी। यह पहल 2047 तक विकसित भारत डिजिटल रूप से सशक्त, समावेशी और नागरिक केंद्र शिक्षा प्रणाली के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान भी देगी।”


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