खजुराहो: सुप्रीम कोर्ट में पूर्व मुख्य न्यायाधीश पर जूता उछालने की घटना से चर्चा में आए वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश किशोर ने मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो का दौरा किया। यहां उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की खंडित मूर्ति की पुनर्स्थापना की मांग उठाई।
खजुराहो के नॉर्दर्न ग्रुप में स्थित जवारी मंदिर में दर्शन के बाद राकेश किशोर ने कहा कि मंदिर पूजा-अर्चना के लिए होते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि खंडित मूर्ति के सिर को जोड़ने के साथ ही बगल में एक नई मूर्ति स्थापित की जानी चाहिए, ताकि यहां विधिवत पूजा-अर्चना फिर से शुरू हो सके। उनके अनुसार, केवल सिर जोड़ने से मूर्ति खंडित ही मानी जाएगी, इसलिए एक नई मूर्ति की स्थापना आवश्यक है।
सभी बंद मंदिरों को खोलने का आह्वान
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि हिंदुस्तान के सभी मंदिरों में पूजा होनी चाहिए क्योंकि वे इसी उद्देश्य से बनाए गए हैं। उन्होंने खजुराहो के उन अन्य मंदिरों का भी जिक्र किया, जहां मूर्तियां तालों में बंद हैं। उन्होंने कहा, “हम उन सभी मूर्तियों को तालों से मुक्त कराने का काम करेंगे।”
इस अभियान के लिए उन्होंने स्थानीय निवासियों और व्यापारियों से भी समर्थन मांगा। किशोर ने आवाहन किया कि लोग अपनी दुकानें बंद करके उनके इस प्रयास में साथ दें। उन्होंने खजुराहो से अपने विशेष लगाव का जिक्र करते हुए बताया कि वह पहले भी चार-पांच बार यहां आ चुके हैं।
एयरबेस निर्माण और पुराने कानूनों का विरोध
राकेश किशोर ने कांग्रेस शासन के दौरान बने एक कानून की आलोचना करते हुए कहा कि इसके कारण हिंदू देवस्थानों और देवी-देवताओं की उपेक्षा हुई। उन्होंने वर्तमान सरकार से आग्रह किया कि वे इन मंदिरों के अस्तित्व को बचाने के लिए काम करें।
इसके अलावा, उन्होंने खजुराहो में प्रस्तावित एयरफोर्स बेस के निर्माण पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि फाइटर जेट की तेज गर्जना से प्राचीन मंदिरों की संरचना को भारी नुकसान पहुंच सकता है, जो दुर्भाग्यपूर्ण होगा। इस दौरे के दौरान उनके साथ कई स्थानीय सनातनी, धर्मावलंबी, हिंदू संगठनों के सदस्य और समाजसेवी पंडित सुधीर शर्मा भी मौजूद रहे।
सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट





