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Fri, Dec 5, 2025

जिला अस्पताल में दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट, इमरजेंसी वार्ड के बाहर चले लात-घूंसे, वीडियो वायरल

Written by:Ankita Chourdia
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला अस्पताल में इलाज कराने आए दो गुटों के बीच जमकर मारपीट हुई। इमरजेंसी वार्ड के बाहर हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
जिला अस्पताल में दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट, इमरजेंसी वार्ड के बाहर चले लात-घूंसे, वीडियो वायरल

छतरपुर: मध्य प्रदेश का छतरपुर जिला अस्पताल एक बार फिर विवादों के केंद्र में है। मंगलवार को अस्पताल परिसर जंग के मैदान में तब्दील हो गया जहां इलाज के लिए पहुंचे दो पक्ष आपस में भिड़ गए। इमरजेंसी वार्ड के ठीक बाहर दोनों गुटों के बीच जमकर लात-घूंसे चले, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

जानकारी के अनुसार, दोनों पक्ष एक सड़क दुर्घटना के बाद इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन वहां पहुंचने पर उनके बीच किसी बात को लेकर विवाद बढ़ गया और देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि करीब आधा दर्जन से अधिक लोग एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं।

मूकदर्शक बना रहा स्टाफ और लोग

हैरानी की बात यह है कि जब यह पूरा हंगामा चल रहा था, तब अस्पताल का स्टाफ और वहां मौजूद अन्य लोग मूकदर्शक बने तमाशा देखते रहे। किसी ने भी बीच-बचाव करने या उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की। इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पुलिस ने शुरू की जांच

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला पुलिस के संज्ञान में आया। सिटी कोतवाली थाना पुलिस ने वायरल वीडियो को आधार बनाकर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वीडियो में दिख रहे लोगों की पहचान की जा रही है और जल्द ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अस्पताल में सुरक्षा पर बड़ा सवाल

यह घटना अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों और कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर भी एक गंभीर चिंता पैदा करती है। जिस तरह से दोनों पक्ष बिना किसी डर के अस्पताल परिसर में एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे, उससे यह सवाल उठता है कि क्या वे भविष्य में किसी भी विवाद पर चिकित्साकर्मियों पर हमला करने से हिचकेंगे? इस मुद्दे पर प्रशासन को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थान पर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट