एंटी करप्शन ब्यूरो और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ACB EOW) ने छत्तीसगढ़ के चर्चित 2161 करोड़ के शराब घोटाले में एक्शन लेते हुए आज पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की है, आज शनिवार सुबह ईओडलब्यू की टीम ने रायपुर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, अंबिकापुर, सुकमा, तोंगपाल सहित करीब 15 ठिकानों पर दबिश दी है, बताया गया है कि लगभग 100 अफसरों की अलग-अलग टीमों ने इन सभी स्थानों पर एक साथ छापा मारा
जो जानकारी अब तक सामने आई है उसके मुताबिक दंतेवाड़ा, सुकमा और अंबिकापुर में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की संयुक्त टीमों ने शनिवार को छापा मारा, यह कार्रवाई शराब घोटाले और आय से अधिक संपत्ति के मामलों को लेकर की गई, सूत्रों के मुताबिक, दंतेवाड़ा जिले के तोंगपाल और सुकमा में पूर्व मंत्री कवासी लखमा से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे गए
2161 करोड़ के घोटाले में दर्ज है एफआईआर
भूपेश बघेल सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा के खिलाफ 2161 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में एफआईआर दर्ज है। ईडी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लखमा ने अपने कार्यकाल के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है, कार्यकाल के दौरान उन्हें हर महीने 50 लाख रुपये दिए जाते थे।
FIR में कई बड़े नाम भी शामिल
सूत्रों के मुताबिक शराब घोटाला मामले में ED की एफआईआर में 100 से अधिक लोगों के नाम हैं जिन्हें शक के घेरे में लिया गया है और आरोपी बनाया गया हैं जिनमें कई प्रमुख राजनेता और अधिकारी शामिल हैं। इनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के अलावा खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो और शिशुपाल का नाम भी शामिल है। ईडी की जांच में IAS अफसर, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया है। इस मामले में अब एसीबी और ईओडब्ल्यू भी अलग से जांच कर रही है और छापेमारी कर सबूत इकट्ठा कर रही है।





