स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल खत्म,मंत्री-सीएम ने दिया ये आश्वासन, जल्द मिलेगा लाभ! वेतनमान-प्रमोशन समेत ये थी प्रमुख मांगे

Pooja Khodani
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CG Health Employees  : छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात के बाद स्वास्थ्य कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया है। टीएस सिंहदेव से संघ के प्रतिनिधियों ने रविवार को उनके निवास कार्यालय में मुलाकात कर अपनी मांगों के संबंध में विस्तृत चर्चा की है।इसके बाद सिंहदेव ने मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और शासन के समक्ष उनकी बातों को रखने का आश्वासन दिया है। इस दौरान डिप्टी सीएम ने लोगों के हित में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील की।

4 जुलाई से हड़ताल पर थे हजारों कर्मचारी

दरअसल, 4 जुलाई से स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के आह्नान पर प्रदेश के 60000 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। कर्मचारी लंबे समय से वेतन विसंगति दूर करने, नियमितीकरण, 13 माह का वेतन, 4 लेयर वेतनमान और प्रमोशन, पदनामों में परिवर्तन, भ्रष्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिसकी शिकायत संघ की ओर से की गई है, उसे हटाया जाए। इसके अलावा आयुष विभाग में नई भर्तियों की जगह अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालिक किया जाए आदि 24 सुत्रीय मांगों को लेकर नियमित कर्मचारियों के साथ संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी, स्टाफ-नर्स और वाहन चालक हड़ताल पर चले गए थे।

डिप्टी सीएम ने दिया यह आश्वासन

उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री TS सिंहदेव से मुलाकात के बाद छग प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने हड़ताल समाप्ति का ऐलान कर दिया है। सिंहदेव से स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों ने उनके निवास कार्यालय में मुलाकात कर अपनी मांगों के संबंध में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और शासन के समक्ष उनकी बातों को रखने का आश्वासन दिया। राज्य के लोगों के हित में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से काम पर लौटने का आग्रह किया था। उनकी पहल पर रविवार को संघ के पदाधिकारियों ने चर्चा के बाद हड़ताल समाप्त कर काम पर लौटने का ऐलान किया है।

सीएम से भी की मुलाकात

सिंहदेव से मुलाकात के दौरान स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल ने सीएम भूपेश बघेल से भी मिलने की मंशा जाहिर की। इसके बाद सीएम भूपेश बघेल से रविवार शाम  उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री को प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि संघ द्वारा विगत 4 जुलाई से जारी हड़ताल वापस ले ली गयी है। हड़ताल पर गए सभी कर्मचारी कार्य पर वापस लौट गए हैं। सीएम से प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगों के विषय में विस्तार से चर्चा की और उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा। बघेल ने प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रस्तुत मांगों पर मुख्य सचिव द्वारा परीक्षण पश्चात आवश्यक कार्यवाही किये जाने आश्वस्त किया।

ये है 24 सुत्रीय मांगे

1. कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने समिती बनाकर वेतन सुधार / विसंगति निवारण का प्रस्ताव जो शासन को प्रेषित किया है उसे मंजूरी देकर तत्काल लागू किया जाय तथा नर्सिंग ड्रेस घुलाई भत्ता, नाईट ड्यूटी मता, कर्मचारी वर्दी भत्ता, सभी क्लिनिकल स्टाफ को जोखिम भत्ता एवं केंद्र के समान समस्त भत्ते प्रदान किये जाय।

2. वर्तमान में की जा रही नियमित भर्तियों के पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन / स्वास्थ्य विभाग / चिकित्सा शिक्षा विभाग / आयुष विभाग / जीवन दीप समिती / DMF अंतर्गत कार्यरत समस्त संविदा एवं अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाय उसके बाद नियमित भर्ती की जाय, अथवा समान कार्य पर समान वेतन व समान भने दिए जाय।एवं सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष की जाय ।

3. समस्त स्वास्थ्य कर्मचारियों को पुलिस विभाग की तरह 1 वर्ष में 13 माह का वेतन प्रदान किया जाय।

4. समस्त स्वास्थ्य कर्मचारियों को चार स्तरीय वेतन मान दिया जाय तथा एकल पद के तकनीकी पदों हेतु 4 स्तरीय पदोष चैनल बनाया जाय।

5. डिप्लोमाधारी स्टाफ नर्स को 3 वेतन वृद्धि एवं डिग्री धारी स्टाफ नर्स को 4 वेतन वृद्धि का लाभ जो वर्ष 1985 से दिया जा रहा है तथा वर्तमान में भी मध्यप्रदेश में दिया जा रहा है, इसे विगत कुछ वर्षों से छत्तीसगढ़ में नहीं दिया जा रहा है तथा अब वसूली की जा रही है, अतः इस वसूली पर रोकते हुए केवल वृद्धि नाम को समस्त स्टाफ नर्स के लिए निरंतर रखा जाय।

6. स्टाफ नर्स का पदनाम नर्सिंग ऑफिसर, मिस्टर का पदनाम सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, रेडियोग्राफर का पदनाम रेडियोलॉजी रेडियोथेरेपी टेशियम का पदनाम रेडियोधरेपी ऑफिसर, डार्क रूम असिस्टेंट का पदनाम सहायक रेडियोलॉजिक पदनाम फार्मेसी ऑफिसर ड्रेसर का ओर्थोपेडिक टेलिसियन किया जाय।

7. रेडियो ग्राफर एवं रेडियो थेरेपी टेकीशियन को मूल वेतन का 10% रेडिएशन भत्ता प्रदान किया जाय। 8. समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एकल तकनिकी स्टाफ को डबल किया जाय तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सिविल अस्पतालों, जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों तथा राज्य मानसिक अस्पताल सेंद्री के नर्सिंग एवं अन्य तकनिकी कर्मचारियों की संख्या बढाई जाय, वर्तमान सेट-अप 20 वर्ष पुराना है तथा मरीजों एवं बिस्तरों को संख्या अब लगभग ४ गुना बढ़ गयी है।

9. वर्तमान में OPD समयावधि 2 पाली में है इससे कर्मचारियों को 2 बार अस्पताल आना जाना पड़ता है यह अनुचित है अतः OPD समयावधि को 1 पानी में सुबह 82 किया जाय।

10. NHM के अंतर्गत कार्यरत CHO, NCD एवं फेमिली प्लानिंग के काउंसलर (वर्तमान में काउंसलर के वेतन में मित्रता है।ANM एवं JSA का प्रारंभिक वेतन 25000 किया जाय तथा NHM कर्मचारियों को गृह ग्राम में स्थानावरण में छूट तथा मानव संसाधन नीती 2018 एवं कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ दिया जाय।

11. शासन द्वारा वाहन चालक (भारी वाहन) का वेतन लेवल 4 को बढाकर लेवल 6 किया गया है किन्तु विभाग के वाहन चालक जो भारी वाहन चालक का लाइसेंस रखते हैं तथा विभागीय भर्ती नियम की भारी वाहन चालक लाइसेंस अनिवार्यता अनुसार नियुक्त हैं को बड़ा हुआ वेतन लेवल 6 प्रदान नहीं किया जा रहा है, कृपया भारी वाहन लाइसेंस अर्हताधारी वाहन चालकों को वेतन लेवल-6 देने आदेशित किया जाय। 12 ड्रेसर, स्टोर कीपर (पैराक्लिनिकल) कर्मचारियों के लिए समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाय ।

13. बिलासपुर जिले में 10 वर्षों से पदस्य 10 मेडिकल लॅब टेकोलॉजिस्ट को अचानक अतिशेष बताकर किये गए स्थानान्तरण आदेश को निरस्त किया जाय। 14. सिम्स अस्पताल बिनासपुर के कर्मचारियों की हड़ताल अवधि को कार्य अवधि मानते हुए कर्मचारी के बारे में उपलब्ध अवकाश से समायोजित करने का आदेश जारी किया जाय।

15. वैक्सीन कोल्ड स्टोरेज कार्य के लिए विहित स्टाफ से ही कार्य लिया जाय इस कार्य से फार्मासिस्ट को प्रथक रखा जाय। 16. नवीन मेडिकल कॉलेज एवं सम्बद्ध अस्पतालों में वरिष्ट लिपिकीय स्टाफ का अभाव है अतः एक बार के लिए नियम शिथिन कर समस्त कॉलेज व अस्पताल की संचालनालय चिकित्सा शिक्षा स्तर पर लिपिकों की वरिष्ठता सूचि बनाकर पात्रों को पदोप्रति प्रदान की जाय।

17. अस्पताल के तृतीय / चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उनके जिले में 1500 वर्गफीट भूखंड आवंटित कराया जाए और उसकी कीमत को कर्मचारी के वेतन से प्रतिमाह कटौती कर वसूला जाय जिससे कर्मचारी सेवानिवृत्ति पूर्व अपने भूखंड पर आवास बना सके शासन चाहे तो वहां बावास निर्माण भी करा दे और पूरी राशी को कर्मचारी से मानिक कटौती से वसूला जाय।

18. राज्य में CGMSC के माध्यम से सेंट्रल दवा सप्लाई लागु है किन्तु पद संस्था स्तर पर ही फार्मासिस्ट ग्रेड-2 के रूप में उपलब्ध है । अतः प्रत्येक स्तर की स्टोर / क्रय शाखा के लिए जिसमें मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला / सिविल अस्पताल, ब्लाक मुख्यालय, जिला मुख्यालय, राज्य मुख्यालय शामिल हैं में कार्य विहित उच्च एवं पदोन्नति का पद निर्मित किया जाय तथा पद निर्माण तक के लिए बरिष्ठता / योग्यता के आधार पर नोदन फार्मासिस्ट के रूप में पदस्थापना दी जाय।

19. स्वास्थ्य मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन के आदेश क्रमांक एफ 5-108/13/ सत्रह / एक दिनांक 16.01.2020 द्वारा ग्रामीण चिकित्सा सहायक को स्वास्थ्य विभाग के समस्त कर्मचारियों से ऊपर होना उल्लेखित किया गया है, विभाग में नर्सिंग व् फार्मेसी संदर्ग सहित अन्य स्टाफ को मान्यता प्राप्त शैक्षणिक योग्यता है तथा RMA से अधिक है क्यूंकि समस्त तृतीय वर्ग कर्मचारी है, अतः एक वर्ग विशेष को उच्च दर्शाना उचित नहीं है अतः अनुरोध है कि उक्त आदेश के बिंदु 7 को विलोपित किया जाय ।

20. आयुष विभाग में विज्ञापित स्वच्छक पद की वर्तमान भर्ती पर रोक लगाते हुए आयुष विभाग में वर्ष 1997 के पूर्व से कार्यरत अंशकालिक स्वच्कों को पूर्णकालिक दर्जा देते हुए वर्तमान रिक्त पदों पर समायोजित किया जाय ।

21. भ्रष्ट एवं शासन आदेश का पालन नहीं करने वाले मुख्य चिकित्सा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारीयों को जिनकी शिकायत संघ द्वारा की गयी है को निलंबित किया जाय।

22. समय पर समयमान वेतन तथा पदोप्रति का लाभ नहीं देने वाले अधिकारीयों पर कड़ी कार्यवाही की जाय तथा भविष्य उन्हें 23. स्वास्थ्य कर्मियों को शासन या किसी भी मानी संस्था से प्रोत्साहन पुरस्कार / विशेष कार्य दक्षता आदि सम्मान प्रमाण पत्र उक्त पद के लिए अयोग्य घोषित किया जाय। को कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में इन्द्राज करने के लिए आदेशित किया जाय।

24. आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत प्रोत्साहन राशी एवं कोरोना प्रोत्साहन राशी वितरण में भरी गड़बड़ी की गयी है, अतः संप मांग करता है कि नियमानुसार सही वितरण के लिए आदेश प्रसारित किये जाय। बदः सादर अनुरोध है कि उपरोक्त मांगों की पूर्ति के लिए तथा स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा न हो व स्वास्थ्य सेवा में निरंतरता बनी रहे इसलिए संघ की मांगों की पूर्ति के लिए संवेदनशीलता दर्शाते हुए अतिशीघ्र उचित निर्णय लेने की कृपा करें।


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