CG Tourism: अगर आप घूमने फिरने के शौकीन हैं और रोमांचक जगहों पर जाना आपको पसंद है। तो देश का छत्तीसगढ़ एक ऐसी जगह है जहां आपको बेहतरीन अनुभव मिलने वाला है। यहां पर्यटन के लिए बहुत सुंदर और ऐतिहासिक चीजें मौजूद हैं जहां की यादें हमेशा आपके साथ रहेंगी।
यदि आप ट्रिप का प्लान बना रहे हैं तो शानदार अनुभवों के लिए छत्तीसगढ़ की कुछ जगहों का दीदार कर सकते हैं। हम आपके लिए ऐसे ही कुछ जगहों की जानकारी लेकर आए हैं जो देखने में तो खूबसूरत है ही साथ ही कुछ जगहों से सांस्कृतिक इतिहास भी जुड़ा हुआ है।
CG Tourism के बेहतरीन स्थल
रायपुर
छत्तीसगढ़ का रायपुर एक ऐसी जगह है जहां से आपकी यात्रा की शुरुआत होगी। यहां के बस्तर क्षेत्र में मौजूद आदिवासी समुदाय के बारे में अगर आपको जानकारी चाहिए तो शहर के संग्रहालय में जाकर जानकारी जुटा सकते हैं। यहां की शिल्प और आदिवासी कला को जानने के लिए स्थानीय दुकानों में भी जाया जा सकता है।
भोरमदेव
रायपुर से 130 किलोमीटर दूर स्थित भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की कला की वजह से इसे खजुराहो नाम दिया गया है। 1000 वर्ष पुराना यह मंदिर पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थापित है और शिवजी को समर्पित है। 5 फुट ऊंचे चबूतरे पर बनाया गया यह मंदिर देखने में बहुत ही सुंदर है और इसमें 3 दिशाओं से प्रवेश किया जा सकता है। मंदिर का मंडप 60 फुट लंबा और 40 फुट चौड़ा है। मंडप के बीच में मौजूद 4 खंभों और आसपास मौजूद 12 खंभों पर यह मंदिर टिका हुआ है। मंदिर की अद्भुत कला पर्यटक उनका मन मोह लेती है।
तीरथगढ़ जलप्रपात
बस्तर जिले में मौजूद तीरथगढ़ जलप्रपात भारत का सबसे आकर्षक झरना है। ये झरना काफी चौड़ा है और इससे बहने वाला पानी किसी पर्दे की तरह दिखाई देता है। जगदलपुर से 35 किलोमीटर दूर स्थित है जगह मनमोहक है जो यहां आने वाले पर्यटकों का दिल जीत लेती है। यह जलप्रपात चंद्राकार के रूप में बनी हुई पहाड़ी से 300 फिट नीचे सीढ़ीनुमा जमीन पर गिरता है जो देखने में बहुत ही आश्चर्यजनक है।
चित्रकोट जलप्रताप
छत्तीसगढ़ के बस्तर की इंद्रावती नदी के किनारे मौजूद यह जलप्रपात बहुत ही सुंदर है। 90 फीट ऊंचाई पर मौजूद यह झरना 300 मीटर चौड़ा है। ये भारत का सबसे चौड़ा और राज्य का सबसे बड़ा जलप्रपात है। इस झरने की खासियत यह है कि बारिश के दिनों में इसका पानी रक्त की लालिमा लिए हुए दिखाई देता है और गर्मियों में चांदनी रात की तरह सफेद नजर आता है। घोड़े की नाल की तरह मुंह होने के कारण इस जलप्रपात को भारत का नियाग्रा फॉल भी कहा जाता है। ये छत्तीसगढ़ का एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है।
अचानकमार टाइगर रिजर्व
मनोरम और नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह टाइगर रिजर्व पर्यटकों की पहली पसंद है। विशाल पहाड़ी पर बसे इस अभयारण्य की स्थापना 1975 में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के अंतर्गत की गई। 2007 में इसे बायोस्फियर और फिर 2009 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। यहां बाघ, तेंदुआ, उड़न गिलहरी, भालू, लकड़बग्घा, चिलीदार हिरण समेत कुल 50 तरह के जानवर और 200 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी मौजूद हैं।