रायपुर, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश के दक्षिण में स्थित बस्तर संभाग के दो दर्जन जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। नदी-नालों के उफान पर आने से 100 से ज्यादा गांवों और क्षेत्रों का संपर्क टूट गया है। छत्तीसगढ़ मौसम विभाग (CG Weather Department) ने आज 16 जुलाई शनिवार को बिलासपुर-बस्तर समेत दो दर्जन जिलों में भारी से अति भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। वही कई क्षेत्रों में आकाशीय बिजली चमकने के साथ तेज गर्जना व वज्रपात की भी आशंका जताई गई है। प्रशासन अलर्ट हो गया है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
सीजी मौसम विभाग (CG Weather Forecast) के अनुसार, एक निम्न दाब का क्षेत्र तटीय ओडिसा और उसके आसपास स्थित है, इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। मानसून द्रोणिका गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ, दिशा, गुना, जबलपुर, पेंड्रा रोड, हीराकुंड, बंगाल की खाड़ी में स्थित निम्न दाब के केंद्र से होते हुए दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है, इसके प्रभाव से तेज बारिश होने के आसार है।
सीजी मौसम विभाग (CG Weather Update) के अनुसार,आज 16 जुलाई को प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ बौछार की संभावना है। प्रदेश में एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ भारी वर्षा होने की भी सम्भावना है। इसका मुख्य क्षेत्र मध्य छत्तीसगढ़ (दुर्ग और रायपुर व इससे लगे बिलासपुर संभाग और बस्तर संभाग के जिले) रहने की संभावना है।16 जुलाई के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। 16 जुलाई को प्रदेश के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ अच्छी बारिश हो सकती है। साथ में बिजली गिरने की चेतावनी भी जारी की गई है।
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बता दे कि राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2022 से अब तक राज्य में 386.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 15 जुलाई तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 995.6 मिमी और बलरामपुर जिले में सबसे कम 126.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। प्रदेश में पिछले दस वर्षों के आधार पर अब तक वर्षा का औसत 345.8 मि.मी. है।
अबतक का बारिश का रिकॉर्ड
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 147.7 मिमी, सूरजपुर में 203.5 मिमी, जशपुर में 151.2 मिमी, कोरिया में 225.8 मिमी, रायपुर में 259.0 मिमी, बलौदाबाजार में 379.8 मिमी, गरियाबंद में 438.5 मिमी, महासमुंद में 372.0 मिमी, धमतरी में 434.7 मिमी, बिलासपुर में 392.5 मिमी, मुंगेली में 458.0 मिमी, रायगढ़ में 343.9 मिमी, जांजगीर-चांपा में 468.5 मिमी, कोरबा में 305.5 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 409.5 मिमी, दुर्ग में 375.9 मिमी, कबीरधाम में 352.3 मिमी, राजनांदगांव में 427.6 मिमी, बालोद में 498.9 मिमी, बेमेतरा में 291.2 मिमी, बस्तर में 509.8 मिमी, कोण्डागांव में 480.0 मिमी, कांकेर में 532.0 मिमी, नारायणपुर में 408.4 मिमी, दंतेवाड़ा में 449.2 मिमी और सुकमा में 391.5 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।
अबतक की जिलों की अपडेट
- बस्तर के सुकमा और बीजापुर जिले में कई गांव बाढ़ की चपेट में।
- सुकमा में तो 7 गांव पूरी तरह से डूब गए हैं। यहां शबरी नदी उफान पर है।
- सुकमा के ही कोंटा में 5 वार्ड भी डूब गए हैं। बाढ़ का पानी और इलाकों में भी जा रहा है।
- प्रदेश की सबसे प्रमुख नदी महानदी का जलस्तर और धमतरी जिले के गंगरेल बांध का जलस्तर बढ़ा।
- कवर्धा से बिलासपुर जाने वाले मार्ग पर बने पुल के ऊपर से पानी का जलस्तर बढा।
- कोरबा में बारिश के चलते RTO दफ्तर के परिसर में भरा पानी।
- कोरबा में देर रात से सुबह तक हुई बारिश के कारण कई नदी नाले उफान पर।
- गरियाबंद, धमतरी, बालोद भी हल्की बारिश ।
- गरियाबंद के महानदी में शुक्रवार को मछली पकड़ने गए 7 लोग नदी में बहे। 5 को पहले बचा लिया गया था। अब शुक्रवार को एक युवक की लाश मिली है। जबकि एक की तलाश जारी है।
- सुकमा जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों में CRPF के जवान रेस्क्यू करने में लगे हुए। जवानों ने मलगेर नदी पर बने पुल के दोनों छोर में रस्सी बांधी फिर, एक-एक कर ग्रामीणों का रेस्क्यू कर रहे हैं।
- बीजापुर में बारिश की वजह से कई स्कूल पानी में डूब गए हैं। जिसके चलते वहां शुक्रवार और शनिवार को बच्चों की छुट्टी कर दी गई है।
- दक्षिण बस्तर के सुकमा जिले के कोंटा नगर में भी सबरी नदी की बाढ़ का पानी घुसने से राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोंटा से पांच किलोमीटर दूर फंदीगुड़ा के समीप पानी भरने से कोंटा नगर चारों ओर से पानी से घिरकर टापू बन गया है।
- बीजापुर जिले की भोपानपटनम तहसील के गोदावरी-इंद्रावती नदी के तटीय क्षेत्र के लगभग दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है।
- तारलागुड़ा, चंदूर, कांडला, रामपेटा, कोत्तूर आदि गांवों में स्थित पोटाकेबिन, आश्रम-छात्रावास बच्चों से खाली करा लिए गए हैं। बाढ़ से घिरे कांडला के ग्रामीणों को गांव छोड़कर समीप स्थित पहाड़ी पर चले जाने की खबर है।