छत्तीसगढ़ में जमीन दरों के लिए जारी नई कलेक्टर गाइडलाइन दरों में भारी बढ़ोतरी के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। इस मामले में विपक्षी नेताओं ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधा। कई जिलों में गाइडलाइन दरें 100 प्रतिशत तक, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह बढ़ोतरी 500 प्रतिशत तक दर्ज की गई है। जिसके बाद लोगों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया। जिसको देखते हुए अब साय सरकार ने यू-टर्न लिया है।
रविवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा था कि गाइडलाइन दरों को लेकर अभी भी विभागीय मंथन जारी है और जरूरत पड़ने पर सरकार इसमें पुनर्विचार करने के लिए तैयार है। इसके बाद केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक आयोजित की गई और सोमवार को अब साय सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
संशोधित गाइडलाइन जारी
सरकार ने हाल ही में जारी की जमीन दरों में बढ़ोतरी से जुड़े प्रावधानों को लेकर अब संशोधित गाइडलाइन जारी की है। साथ ही पूरे प्रदेश में मूल्यांकन की एक एकरूप व्यवस्था लागू करने का आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही कहा गया है कि आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होता है।
केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक संसोधित की गई गाइडलाइंस में 6 बड़े बदलाव किए गए हैं। इसके साथ ही जिला मूल्यांकन समितियों को 31 दिसंबर 2025 तक नए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
नई कलेक्टर गाइडलाइंस के बाद राज्य के हर जिलें में सरकार के फैसले का विरोध हो रहा था। जिसके बाद ये मामला राजनीति का प्रमुख मुद्दा बन चुका था। राज्यभर में व्यापारियों और नागरिकों ने इसका विरोध प्रदर्शन भी किया। 1 दिसंबर को दुर्ग में व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट के सामने जमकर नारेबाजी की थी जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा और माहौल बिगड़ता चला गया।






