छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर रायपुर में आयोजित राज्योत्सव के दूसरे दिन रविवार को राज्यपाल रमेन डेका मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होना पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि यह रजत जयंती वर्ष न केवल बीते सफर को याद करने का, बल्कि भविष्य के लिए नए संकल्प लेने का समय है। राज्यपाल ने याद किया कि वर्ष 2000 में राज्य गठन के समय यह उम्मीदों और चुनौतियों से भरा प्रदेश था, जो अब विकास के पथ पर आगे बढ़ चुका है।
राज्यपाल रमेन डेका ने बताई 25 सालों की विकास यात्रा
राज्यपाल डेका ने कहा कि बीते पच्चीस वर्षों में छत्तीसगढ़ ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, बिजली, सड़क और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि यह राज्य युवाओं की ऊर्जा से भरा हुआ है, जिसने कम समय में अपनी पहचान पूरे देश में बनाई है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी समेत सभी महापुरुषों को नमन करते हुए कहा कि उनकी दूरदर्शिता और दृष्टिकोण के कारण यह राज्य आज आत्मविश्वास से भरा हुआ है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनकी सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि, जनजातीय समाज, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बना रही हैं। डेका ने कहा कि विकास की इस ठोस नींव पर राज्य आगे बढ़ रहा है। उन्होंने चेताया कि विकास के साथ-साथ प्रकृति का संतुलन बनाए रखना भी आवश्यक है, क्योंकि यही राज्य की असली पहचान और पूंजी है।
नक्सलवाद पर भी बोले राज्यपाल
नक्सलवाद पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से नक्सल समस्या समाप्ति की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में कभी हिंसा और भय का माहौल था, आज वहां सड़कों का निर्माण हो रहा है, स्कूल खुल रहे हैं और बच्चों के चेहरों पर मुस्कान है। राज्यपाल ने कहा कि किसान, मजदूर, युवा और महिलाएं छत्तीसगढ़ की असली ताकत हैं और इन्हीं के प्रयासों से राज्य आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बन रहा है।
राज्यपाल डेका ने रजत जयंती वर्ष को राज्य के लिए नए संकल्पों का अवसर बताते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ को सुशासन, विकास और भाईचारे का आदर्श राज्य बनाना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यदि संसाधनों का सही उपयोग किया जाए तो छत्तीसगढ़ निश्चित रूप से देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल होगा।





