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Tue, Dec 16, 2025

छत्तीसगढ़ का नया रेडियो कार्यक्रम ‘दीदी के गोठ’: 31 अगस्त से शुरू, CM साय करेंगे बिहान दीदियों से बातचीत

Written by:Saurabh Singh
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बिहान मिशन के तहत चल रहे कार्यों, जैसे आजीविका संवर्धन और नवाचारों, को व्यापक स्तर पर प्रचारित किया जाएगा। यह पहल ग्रामीण महिलाओं के बीच आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और उनके कार्यों को मान्यता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
छत्तीसगढ़ का नया रेडियो कार्यक्रम ‘दीदी के गोठ’: 31 अगस्त से शुरू, CM साय करेंगे बिहान दीदियों से बातचीत

छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं की प्रेरणादायी कहानियों को नया मंच देने के लिए एक अनूठा रेडियो कार्यक्रम ‘दीदी के गोठ’ शुरू करने जा रही है। यह कार्यक्रम 31 अगस्त 2025 से आकाशवाणी के सभी केंद्रों पर दोपहर 12:15 बजे प्रसारित होगा। पहले एपिसोड में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री विजय शर्मा स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं (बिहान की दीदियों) से सीधा संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं की मेहनत और उपलब्धियों को सामने लाना है, ताकि अन्य महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित हों।

‘दीदी के गोठ’ में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत सक्रिय स्व-सहायता समूहों की महिलाएं अपनी सफलता की कहानियां साझा करेंगी। ये कहानियां न केवल उनकी मेहनत और लगन को दर्शाएंगी, बल्कि अन्य समूहों और प्रदेश की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेंगी। इस मंच के माध्यम से महिलाओं को अपनी उपलब्धियों को व्यक्त करने और दूसरों को प्रोत्साहित करने का अवसर मिलेगा।

 कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को नई दिशा देना

कार्यक्रम के जरिए बिहान मिशन के तहत चल रहे कार्यों, जैसे आजीविका संवर्धन और नवाचारों, को व्यापक स्तर पर प्रचारित किया जाएगा। यह पहल ग्रामीण महिलाओं के बीच आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और उनके कार्यों को मान्यता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। राज्य सरकार का लक्ष्य इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान करना है, ताकि वे अपने कौशल और मेहनत से समाज में बदलाव ला सकें।

नई पीढ़ी की महिलाओं के लिए प्रेरित

‘दीदी के गोठ’ न केवल महिलाओं की उपलब्धियों का उत्सव मनाएगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि उनकी कहानियां हर कोने तक पहुंचें। सरकार का मानना है कि यह पहल नई पीढ़ी की महिलाओं को प्रेरित करेगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनने की राह में और मजबूत करेगी। इस कार्यक्रम के माध्यम से छत्तीसगढ़ की महिलाएं न सिर्फ अपनी आवाज बुलंद करेंगी, बल्कि पूरे प्रदेश में सकारात्मक बदलाव की वाहक बनेंगी।