छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र की 14 दिसंबर से शुरू हो रहा है। विधानसभा सचिवालय की ओर से सभी प्रकार की तैयारियां हो चुकी हैं। यह सत्र 14 से 17 दिसंबर तक चार दिन चलेगा। पहले दिन सदन में छत्तीसगढ़ विजन पर चर्चा होगी। सदन विष्णु देव साय की सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाएंगी। तो वहीं विपक्ष भी कई मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगी।
क्यों चुना 14 दिसंबर का दिन?
बता दें कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब रविवार को छुट्टी के दिन विधानसभा की कार्यवाही होगी। यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि जब मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ नया राज्य बना था तब राजकुमार कॉलेज स्थित जशपुर हॉल के भवन में टेंट लगाकर 14 दिसंबर को पहली विधानसभा की बैठक आयोजित हुई थी।
2 साल के शासनकाल का कार्यकाल ऐतिहासिक- सीएम साय
सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि रविवार से विधानसभा का शीतकालीन सत्र है। यह बहुत खास होगा। विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में उठाएंगे। हमारा 2 साल के शासनकाल का कार्यकाल बहुत ऐतिहासिक रहा है। छत्तीसगढ़ के विकास में नक्सलवाद जो बड़ा बाधक था, नक्सलवाद भी अब समापन की ओर है। हम बस्तर क्षेत्र में भी शांति बहाल करने में कामयाब हो रहे हैं और उस क्षेत्र में भी अब विकास की गंगा बहेगी।
राज्य में खत्म होने की कगार पर लाल आतंक!
बता दें कि इस साल राज्य में कई नक्सवादियों के एनकाउंट में मारे गए हैं जिसमें हिडमा जैसा कुख्यात माओवादी शामिल है। तो वहीं सैकड़ों माओवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए हैं। ये कहना गलत नहीं होगा कि राज्य में अब लाल आतंक खत्म होने की कगार पर है। बस्तर संभाग के नक्सली क्षेत्रों की सूरत बदलने लगी है। अब सरकार की योजनाओं का लाभ वहां के ग्रामीणों तक पहुंचाया जा रहा है। आगामी विधानसभा सत्र में बड़ी उपलब्धि के तौर पर साय सरकार सदन में अपनी बात कर सकती है।
बता दें कि सत्र के दौरान कुल 4 बैठकें होंगी। 628 प्रश्नों की सूचना प्राप्त हुई है। इसमें 333 तारांकित प्रश्न और 295 अतारांकित प्रश्न शामिल हैं। 99.17 प्रतिशत प्रश्न ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं। 48 ध्यानाकर्षण होगा। एक लोक महत्व के विषय पर चर्चा होगी। 9 अशासकीय संकल्प, शून्यकाल 4, याचिका 77 पर भी चर्चा होगी। 16 दिसंबर को अनुपूरक मांग पर चर्चा होगी।





