छत्तीसगढ़ में पहली बार पकड़े गए 10 अवैध बांग्लादेशियों को इस सप्ताह उनके देश वापस भेजा जाएगा। केंद्र सरकार से इसकी मंजूरी मिल चुकी है। रायपुर पुलिस इन अवैध घुसपैठियों को बांग्लादेश बॉर्डर तक लेकर जाएगी, जहां इन्हें सीमा सुरक्षा बल (BSF) के हवाले किया जाएगा। बीएसएफ आगे की प्रक्रिया के तहत इन्हें उनके घर भेजेगी।
ट्रेन या सड़क मार्ग से भेजने पर विचार
मिली जानकारी के अनुसार, सभी घुसपैठियों को पहले ट्रेन से हावड़ा ले जाने की योजना है। इसके बाद उन्हें असम स्थित भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर बीएसएफ को सौंपा जाएगा।16 से 20 जुलाई के बीच उन्हें भेजने की तैयारी है। सुरक्षा कारणों से पुलिस बाय रोड ले जाने के विकल्प पर भी विचार कर रही है। अंतिम फैसला सरकार के स्तर पर होगा।
रायपुर पुलिस की विशेष टीम करेगी रवाना
रायपुर के टिकरापारा इलाके से पकड़े गए इन 10 बांग्लादेशियों को सीएसपी पुरानी बस्ती राजेश देवांगन के नेतृत्व में एक विशेष टीम लेकर जाएगी। इन्हें पश्चिम बंगाल या असम में बीएसएफ के हवाले किया जाएगा, जिसके बाद बीएसएफ उन्हें बांग्लादेश भेजेगी। वहीं, रायपुर के अलावा दुर्ग, राजनांदगांव और रायगढ़ जिलों में भी अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की वापसी की तैयारी की जा रही है।
जिन पर केस दर्ज, उन्हें नहीं भेजा जाएगा अभी
पुलिस के अनुसार, जिन बांग्लादेशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, उन्हें अभी नहीं भेजा जाएगा। ऐसे लोग कोर्ट की कार्यवाही पूरी होने तक यहीं रहेंगे। रायपुर में 6 बांग्लादेशियों पर केस दर्ज हैं, जिनमें तीन भाई, एक दंपती और उसकी नाबालिग बेटी शामिल हैं। दुर्ग में 7 से अधिक, जबकि राजनांदगांव में भी चोरी के मामले में एक बांग्लादेशी जेल में है। इन मामलों में कोर्ट के फैसले के बाद ही प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बांग्लादेश दूतावास को भी इन प्रत्यर्पण की प्रक्रिया की जानकारी दे दी गई है। भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ के पास है, इसलिए उन्हें ही इन नागरिकों को उनके देश तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रायपुर के जिन 10 बांग्लादेशियों पर कोई केस दर्ज नहीं है, उन्हें प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के तहत जेल में रखा गया था। अब उन्हें सीधा वापस भेजा जा रहा है।





