Wed, Dec 24, 2025

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया योग अपनाने का आह्वान, कहा ‘मन, शरीर और आत्मा के संतुलन का सूत्र’

Written by:Shruty Kushwaha
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आज के दिन इस महत्वपूर्ण तथ्य को जानना जरूरी है योग न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है बल्कि इससे मानसिक तनाव में भी कमी आती है। योग और प्राणायाम तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल के स्तर को कम करते हैं जिससे चिंता, डिप्रेशन और अनिद्रा में राहत मिलती है। WHO और जर्नल ऑफ क्लिनिकल साइकियाट्री में प्रकाशित अध्ययन योग के मानसिक स्वास्थ्य लाभों की पुष्टि करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया योग अपनाने का आह्वान, कहा ‘मन, शरीर और आत्मा के संतुलन का सूत्र’

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए योग को मानव जीवन का अमूल्य वरदान बताया। उन्होंने कहा कि योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन और आत्मा के संतुलन का भी सशक्त माध्यम है। यह निरोगी जीवन का आधार है और हर व्यक्ति को इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जशपुर के रणजीता स्टेडियम में नागरिकों, छात्रों और जनप्रतिनिधियों के साथ सामूहिक योगाभ्यास किया। इसी के साथ प्रदेशभर में आज योग दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। स्कूलों, कॉलेजों, पंचायतों, नगर निकायों और सरकारी कार्यालयों में विशेष योग सत्र आयोजित हुए जिनमें हज़ारों की संख्या में नागरिकों ने भाग लिया

सीएम ने किया सभी से योग अपनाने का आह्वान

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सभी से योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि योग मानवता को भारत की अमूल्य देन है। यह आत्म अनुशासन और आत्म-साक्षात्कार के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा को संतुलन में लाती है। सीएम साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से योग को वैश्विक पहचान मिली है। योग शरीर, मन और आत्मा को संतुलित रखता है और यह निरोगी जीवन का आधार है। उन्होंने का कि आज के भागदौड़ भरे जीवन में योग मानसिक और शारीरिक स्थिरता का मार्ग है।

योग..भारत का विश्व को अनमोल उपहार

योग भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर है जिसकी जड़ें हजारों वर्ष पुरानी हैं। योग सूत्रों के रचयिता महर्षि पतंजलि ने योग को “चित्त की वृत्तियों का निरोध” बताया है। यह न सिर्फ शारीरिक व्यायाम है, बल्कि एक जीवन दर्शन भी है जो संतुलित और सकारात्मक जीवनशैली को प्रोत्साहित करता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर यह संदेश और भी प्रासंगिक हो जाता है कि योग को अपनाकर हम न सिर्फ अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि विश्व शांति और सद्भावना में भी योगदान दे सकते हैं।