प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की चल रही जांच के तहत बड़ी कार्रवाई की है। ED ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच कर दी है। यह कुर्की मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अस्थायी रूप से की गई है।
बता दें कि चैतन्य बघेल को ED ने 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया था जो अभी जेल में हैं। शराब घोटाले की जांच में कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसी का कहना है कि चैतन्य बघेल ने काला धन अपनी रियल एस्टेट कंपनी ‘बघेल डेवलपर्स’ के जरिए सफेद करने की कोशिश की। उनकी कंपनी की ‘विठ्ठल ग्रीन’ प्रोजेक्ट में शराब घोटाले का पैसा लगाया गया।
ED ने जांच में पाया है कि चैतन्य बघेल की इस कमाई को कई जगहों पर निवेश किया गया। चैतन्य की जो संपत्ति कुर्क की गई है इसमें 59.96 करोड़ रुपये मूल्य के 364 आवासीय भूखंड और कृषि भूमि के रूप में अचल संपत्तियां व 1.24 करोड़ रुपये मूल्य की बैंक बैलेंस/सावधि जमा के रूप में चल संपत्तियां शामिल हैं।
इन लोगों पर भी हुई कार्रवाई
ED ने इससे पहले इस मामले में अनिल टुटेजा (पूर्व IAS), अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी (ITS) और पूर्व मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था।
ED ने पहले भी की कार्रवाई
बता दें कि इस वक्त 61.20 करोड़ रुपये की कुर्की नई है। इससे पहले ED ने इस मामले में करीब 215 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। यानी कुल मिलाकर अब तक 276 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त हो चुकी है। यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के समय के शराब कारोबार में हुई बड़े पैमाने पर लूट का है। ईडी की जांच अभी भी जारी है और आगे और खुलासे हो सकते हैं।





