छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लाल आतंक समाप्ती की कगार पर है। आए दिन कई बड़े नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। राज्य के बकरकट्टा में सोमवार को मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर सक्रिय खूंखार नक्सली कमांडर और सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) रामधेर मज्जी ने अपने 11 साथियों के साथ पुलिस के सामने हथियार डाल दिए हैं। इस पर 1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था।
बता दें कि हिडमा के एनकाउंट के बाद नक्सली रामधेर मज्जी का सरेंडर करना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता है क्योंकि कई बड़ी वारदातों में इसका हाथ था। हिडमा के बाद ये बस्तर इलाके में काफी सक्रिय हो गया था। बताया जा रहा है कि सभी आत्मसमर्पित माओवादियों को सरकार के पुनर्वास नीति के तहत राशि, रोजगार और सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
इन नक्सलियों ने किया सरेंडर
रामधेर मज्जी के साथ जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया है उसमें 6 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल हैं। साथ ही इनके पास से एके-47, इंसास राइफल और SLR जैसे घातक हथियार भी बरामद किए गए हैं। रामधर मज्जी, चंदू उसेंडी, ललिता, जानकी, प्रेम, सुकेश पोट्टम, रामसिंह दादा, योगिता, कविता, शीला, लक्ष्मी इन माओवादियों ने आत्मसर्पण किया है। हालांकि पुलिस अब इन सभी से पूछताछ करने में जुटी है जिससे अन्य नक्सलियों की सक्रियता और जानकारी निकलकर सामने आए।
मध्यप्रदेश में भी नक्सलियों ने किया सरेंडर
रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) की मौजूदगी में मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में 4 महिलाओं समेत 10 नक्सलियों ने हथियार डाले थे। इस मौके पर नक्सलियों ने अपने हथियार मुख्यमंत्री को सौंपे, जिसके बदले में डॉ. यादव ने उन्हें भारत के संविधान की प्रति भेंट की थी।





