कोरबा, डेस्क रिपोर्ट। छत्तीसगढ़ के कोल सेवानिवृत्त कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए जरूरी खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑल इंडिया कोल पेंशनर्स एसोसिएशन की मांग पर कोल इंडिया की कोल माइंस प्राविडेंड फंड बोर्ड आफ ट्रस्टी ने आज 16 अगस्त को नागपुर में बड़ी बैठक बुलाई है।संभावना जताई जा रही है कि इसमें पेंशनरों की न्यूनतम पेंशन 1000 करने का प्रस्ताव रखा जा सकता है। अगर सहमति बनती है तो 1 लाख 26 हजार पेंशनरों को इसका फायदा होगा।
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इस फैसले से कोल माइंस प्राविडेंट फंड में सालाना 73 करोड़ रूपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा,हालांकि इसकी व्यवस्था कंपनी सीएमपीएफ को अलग से करना होगा। ऑल इंडिया कोल पेंशनर्स एसोसिएशन की मानें तो आज नागपुर में ट्रस्टी की बैठक होगी,इसके लिए तैयार किए गए एजेंडे में इस बात को शामिल किया गया है। अगर पेंशन में वृद्धि नही हुई तो पेंशनरों को 500 से 700 पेंशन के साथ पर कम से कम एक हजार रूपये देने प्रदान करने पर सहमति बन सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोयला खान पेंशन योजना 1998 (सीएमपीएफ) के तहत वर्तमान में कोल इंडिया के करीब 5.50 लाख सेवानिवृत अधिकारी व कर्मचारियों को पेंशन दी जा रही है। । पुरानी पेंशन निर्धारण के चलते 20 साल पहले रिटायर हुए कर्मचारियों को 500 से 1000 पेंशन दी जा रही है,इसमें साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के 55000 पेंशनर्स शामिल है लेकिन हाल ही में रिटायर हो रहे कर्मचारियों को 15 से 65000 तक पेंशन राशि दी जा रही है।
इसके चलते आल इंडिया कोल पेंशनर्स एसोसिएशन लंबे समय से पेंशन वृद्धि की मांग कर रहे है, लेकिन हाल ही में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने वित्तीय भार का हवाला देते हुए पेंशन वृद्धि करने से इंकार कर दिया है, जिसके बाद पेंशनरों में नाराजगी बढ़ गई है।इधर, कर्मचारियों के पेंशन फंड में 14% का अंशदान प्राप्त हो रहा है। 7% कोल कर्मियों का और इतना ही कोल इंडिया की ओर से जमा किया जाता है। वर्ष 2017 के अक्टूबर माह में फंड में अंशदान की राशि में वृद्धि की गई है। चुंकी हर 3 साल में समीक्षा व संशोधन का प्राविधान है, पर अब तक CMPF में कोई संशोधन नहीं किया गया है।