छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों का अभियान जारी है। आए दिन कई नक्सली हथियार डालते नजर आ रहे हैं। लाल आतंक खत्म होने की कगार पर पहुंचता जा रहा है। सोमवार को एक बार फिर बड़ी संख्या में माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। राज्य के सुकमा जिले में 15 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए हैं।
सरेंडर करने वाले माओवादियों में PLGA बटालियन-01 के चार हार्डकोर मेंबर, PPCM के चार मेंबर, SCM के दो मेंबर, पार्टी के तीन मेंबर और आठ दूसरे एक्टिव मेंबर शामिल हैं। इन 15 माओवादियों में 10 पुरुष और पांच महिलाएं हैं। ये नक्सली कुल 48 लाख रुपए के इनामी थे, जो अब पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौट आए हैं।
आत्मसमर्पित नक्सली ने यह दावा भी किया कि जल्द ही बटालियन नंबर-1 के बड़े माओवादी नेता बारसे देवा सहित कई और वरिष्ठ सदस्य भी आत्मसमर्पण कर सकते हैं। विशेषज्ञ इसे केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त अभियानों का बड़ा असर मान रहे हैं।
महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा ने इस आत्मसमर्पण को क्षेत्र में शांति बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि यह कदम उदंती एरिया कमेटी की संचालन क्षमता को प्रभावी ढंग से कम करता है। निर्णायक मोड़ तब आया जब कमांडर सुनील ने सार्वजनिक रूप से शांति की अपील की और साथी कार्यकर्ताओं से आत्मसमर्पण करने का आग्रह किया।





