छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ अभियान लगातार जारी है। इस साल कई माओवादी मारे जा चुके हैं जिसमें सबसे बड़ा नाम हिडमा का है। तो दूसरी ओर सैकड़ों नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटे हैं। एक बार फिर राज्य में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। सुकमा (Sukma) में शुक्रवार को 10 बड़े नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
सरेंडर करने वाले माओवादियों पर करीब 40 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इसके पास से एके-47, दो एसएलआर और एक बीजीएल हथियार बरामद किए गए हैं। माना जा रहा है कि इनके आत्मसमर्पण से दरभा, किस्टाराम, बासागुड़ा, कोलयारी और मिनागुर जैसे इलाकों में नक्सल नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने कहा कि हम नक्सलवाद को खत्म करने और इलाके में शांति पक्का करने के लिए कमिटेड हैं ताकि इलाके में डेवलपमेंट को बढ़ावा मिल सके। सिक्योरिटी फोर्स इस बारे में कई ऑपरेशन चला रही हैं। इसी वजह से नक्सली सरेंडर कर रहे हैं और मेनस्ट्रीम में शामिल हो रहे हैं। आज 10 नक्सलियों ने हथियारों के साथ सरेंडर किया और मेनस्ट्रीम में शामिल हो गए।
पिछले 11 महीनों में 1514 नक्सलियों ने किया सरेंडर
उन्होंंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ शासन, भारत सरकार, बस्तर पुलिस, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल—क्षेत्र में शांति स्थापित करने, पुनर्वास सुनिश्चित करने और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले 11 महीनों में बस्तर रेंज में 1514 से अधिक माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा से जुड़ने का निर्णय लिया है।





