बच्चे हो या फिर बड़े-बुजूर्ग मोबाइल में यूट्यूब हर कोई चलाता है, लेकिन अब सिर्फ़ लोग यूट्यूब देखना ही पसंद नहीं करते हैं बल्कि कंटेंट क्रिएटर बनकर ख़ुद यूट्यूब पर आना पसंद करते हैं। यूट्यूब सिर्फ़ मनोरंजन का ज़रिया ही नहीं है बल्कि यह एक अच्छा कमाने का ज़रिया भी है और यही कारण है कि छोटे गाँव, क़स्बे से लेकर बड़े शहरों तक में हर कोई कंटेंट क्रिएटर बनकर ख़ुद का यूट्यूब चैनल चला रहा है।
आज के समय में हर कोई यूट्यूबर्स बन रहा है और अच्छा ख़ासा नाम और पैसा भी कमा रहा है। लेकिन सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि भारत में एक ऐसा गाँव है जहाँ हर दूसरा व्यक्ति कंटेंट क्रिएटर है, यानी हर दूसरे-तीसरे व्यक्ति का अपना यूट्यूब चैनल है। जी हाँ, हम आपको जिस गाँव के बारे में बताने जा रहें है , वह गाँव है छत्तीसगढ़ का तुलसी गाँव।

नेम, फेम और पैसा कमाने का जरिया
छत्तीसगढ़ के तुलसी गाँव ने अपनी एक अलग पहचान बनायी है, इस गाँव को यूट्यूब विलेज के नाम से जाना जा रहा है। जैसे-जैसे यूट्यूब ने पॉपुलैरिटी पकड़ी गाँव और कस्बों के लोगों ने भी इस प्लेटफ़ॉर्म को अपनी क्रिएटिविटी का हब बना लिया है। यहाँ के युवा यूट्यूब के ज़रिए अपनी स्किल को दूसरे लोगों तक पहुँचा रहे हैं। इसके चलते वे न सिर्फ़ फ़ेम कमा रहे हैं, बल्कि अच्छी ख़ासी कमाई भी कर रहे है।
देहाती जिंदगी दिखाते हैं कंटेंट क्रिएटर
तुलसी गाँव के कंटेंट क्रिएटर अपने यूट्यूब चैनल पर गाँव की ज़िंदगी, कल्चर, खेती किसानी, गाँव की समस्या से जुड़े कंटेंट बनाते हैं। ये कंटेंट एकदम ओरिजनल होते हैं जिस वजह से लोगों को यह काफ़ी पसंद आते हैं। यहाँ के कंटेंट क्रिएटर अपनी-अपनी स्टाइल से अपनी स्किल को लोगों के सामने पेश करते हैं, इसके अलावा इन्हें SEO का भी अच्छा ख़ासा नॉलेज है।
छत्तीसगढ़ में कहा स्थित है YouTube Village?
राजधानी रायपुर से 45 किलोमीटर दूर स्थित उसी गाँव आज भारत का यूट्यूब पर गाँव के नाम से मशहूर हो चुका है। इससे पहले इस गाँव की पहचान एक औद्योगिक क्षेत्र के रूप में थी। इस गाँव में पावर प्लांट, सीमेंट प्लांट , प्लास्टिक फै़क्टरी और राइस मिल जैसे बड़े उद्योग स्थापित है। इसके अलावा इस गाँव में कॉलेज और ITI भी है।
YouTube Village में सबसे पहले किसने बनाया था यूट्यूब चैनल
तुलसी गाँव मैं कंटेंट क्रिएटर बनने की शुरुआत दो युवाओं के द्वारा की गई थी। उनका नाम जय और ज्ञानेन्द्र है। इन दोनों ने ही गाँव में पहला यूट्यूब चैनल शुरू किया और देखते ही देखते इन दोनों से प्रेरित होकर गाँव वालों ने भी अपना यूट्यूब चैनल तैयार कर लिया। शुरुआत में जय और ज्ञानेंद्र को काफ़ी मुसीबत का सामना करना पड़ा। उन्होंने कई चैनल चालू किए फिर बंद किए, क्योंकि उन्हें सफलता नहीं मिल रही थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। फिर देखते ही देखते उनका यूट्यूब चैनल चल पड़ा, जिसके बाद उन्होंने गाँव के अन्य युवाओं को यूट्यूब की ABCD सिखायी। उन्हें पूरी स्ट्रेटेजी बतायी कि किस तरह वीडियो अपलोड करना है, टाइटल कैसे लिखना है, वीडियो एडिटिंग कैसी करनी है, साथ ही साथ थंबनेल और हैशटैग जैसी चीज़ों का ध्यान रखना है।