इन्दौर डेस्क रिपोर्ट।आकाश धोलपुरे–रेमडेसिवीर इंजेक्शन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार प्रयास कर रहे हैं कि इनकी उपलब्धता में कोई कमी नहीं रहने दी जाए। पिछले दो दिन से लगातार वे इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के प्रयासों पर सीधी निगाह रखे हैं। बावजूद इसके इंजेक्शन की कालाबाजारी नहीं रुक पा रही है।
जबलपुर: आपदा में अवसर बना रेमडेसिवीर इंजेक्शन, धड़ल्ले से चल रही कालाबजारी
इन्दौर के वर्मा हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को साफ मना कर दिया गया कि यहां रेमडेसिवीर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है ।मरीज के परिजन ने बताया कि जब बहुत ज्यादा बात की गई तो 10000 रू में एक इंजेक्शन लगाया गया ।इस बात की शिकायत जब कांग्रेस के विधायक संजय शुक्ला को लगी तो वे सीधे अस्पताल पहुंचे और वहां उन्होंने लोगों से बातचीत की ।पहले तो मेडिकल स्टोर संचालकों ने साफ मना कर दिया कि उनके पास इंजेक्शन नहीं है लेकिन जब संजय शुक्ला ने कहा कि जिला प्रशासन ने खुद जानकारी दी है कि वहां इंजेक्शन पहुंचाए गए हैं तो अस्पताल संचालक ने 24 रेमडेसिवीर इंजेक्शन होने की बात मान ली। अब सवाल यह है कि जब 24 इंजेक्शन मौजूद थे तो मरीजों से कालाबाजारी के नाम पर पैसे ज्यादा क्यों वसूले गये और मरीजों को इंजेक्शन क्यों नहीं लगाए गये।
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कांग्रेस विधायक ने इस पूरे मामले में कलेक्टर और सरकार से कार्रवाई करने की मांग की है। मुख्यमंत्री साफ तौर पर कह चुके हैं कि इस इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सीधी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इसके बावजूद प्रशासन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है ।ऐसा ही एक मामला दो दिन पहले जबलपुर में सामने आया था जब रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए मेडिकल स्टोर संचालक के दो कर्मचारी रंगे हाथों स्टिंग ऑपरेशन में कैद हो गए थे। उन पर भी छुटपुट कार्रवाई करने के अलावा प्रशासन ने मेडिकल संचालक पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की ।ऐसे में यदि प्रशासन ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की तो फिर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री के प्रयास जमीनी हकीकत पर कार्यान्वित नहीं हो पाएंगे।
विधायक संजय शुक्ला पहुंचे हॉस्पिटल, रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कमी पर कही ये बात pic.twitter.com/1QdSzTfPH2
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) April 13, 2021