Delta Variant : किन लोगों के लिए खतरनाक और सबसे ज्यादा सुरक्षित कौन, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना वायरस (corona virus) ने दुनिया भर में आतंक मचा रखा है और अब कोरोना की तीसरी लहर (third wave) माने जाने वाले डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) ने स्वास्थ्य संगठनों की भी चिंता बढ़ा दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक अनुसार पूरी दुनिया के 96 से ज्यादा देशों में डेल्टा वेरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं। वहीं भारत देश भी इससे अछूता नहीं है। देश में 12 राज्यों में डेल्टा वैरिएंट के 50 से ज्यादा केस मिले हैं। जिसके चलते देश में सावधानियां बरती जा रही है और कई जगहों पर फिर से पाबंदियां लगा दी गई है।

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गौरतलब है कि पिछले महीने कोरोना से रिकवर हुए मरीजों को म्यूकोर्मिकोसिस यानि ब्लैक फंगस (black fungus) ने अपनी चपेट में लिया था। लिहाजा इससे कई लोगों ने अपनी जान भी गवाही वहीं या फंगस भी अपने कई रंग दिखाए। लिहाजा शोधकर्ताओं ने कोरना वायरस को लेकर शुगर पेशेंट और ब्लड प्रेशर के मरीजों को चेताया। लिहाजा इससे कई लोगों ने अपनी जान भी गवाई। वहीं इस फंगस भी अपने कई रंग दिखाए। लिहाजा शोधकर्ताओं ने कोरना वायरस को लेकर शुगर पेशेंट और ब्लड प्रेशर के मरीजों को चेताया। बतादें कि इस फंगस को भी कोरोना के ही एक रूप के तौर में देखा जा रहा था। जिसके कारण गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों और मरीजों के लिए यह जानलेवा था। वहीं अब कोरोना के नए वैरिएंट से भी विशेषज्ञों ने इन लोगों को सावधानी बरतने को कहा है।

किन लोगों में डेल्टा का सबसे ज्यादा खतरा
एक अध्ययन में यह बताया गया कि वृद्ध लोगों को डेल्टा वैरिएंट का खतरा सबसे अधिक होगा। वहीं जो लोगों अभी तक वैक्सीनेशन नहीं हुआ है उन लोगों को भी ऐसा खतरा ज्यादा होगा। खासकर लंबी बीमारी से ग्रसित जैसे कैंसर, शुगर पेशेंट, डायबिटीज या ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसका ज्यादा खतरा होगा।

डेल्टा बैलेंस सबसे ज्यादा सुरक्षित कौन
शोधकर्ताओं का मानना है कि वैक्सीन के दोनों डोज़ डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करेंगे। आईसीएमआर (Indian Council of Medical Research) की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोराना के डेल्टा वेरिएंट से सबसे ज्यादा सुरक्षित वह लोग हैं जिन्होंने पीके की दोनों खुराक ले चुके हैं। बतादें कि आईसीएमआर (ICMR) कि एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन का एक डोज भी बहुत कारगर है। और जो लोग कोरोना से ठीक होकर वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके है उन्हें आम लोगों से इस वैरिएंट का कम खतरा है।

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Harpreet Kaur

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