कोरोना पेशेंट के चेहरे पर हंसी ला रहे मोटू पतलू, मरीजों के अटेंडर्स को खिला रहे खाना

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कार्टून कैरेक्टर मोटू पतलू (Cartoon Character Motu Patlu) बच्चों के दोस्त हैं उनकी हंसी का माध्यम है लेकिन मोटू पतलू (Motu Patlu) अब ग्वालियर में कोरोना के मरीजों (Corona Patients) और उनके परिजनों के चेहरे पर ख़ुशी लाने का माध्यम भी बन गए हैं। जी हाँ ये सच है ग्वालियर (Gwalior) के कुछ युवाओं ने समाज सेवा करते हुए जब अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों (Corona Patients) के परिजनों को कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) में खाली पेट भटकते देखा तो उनके लिए खाने की व्यवस्था की, इसी बीच मरीजों के परिजनों के चेहरे पर नकारात्मकता का भाव (Negativity) दिखा तो युवाओं ने इसे सकारात्मक भाव (Positivity) में बदलने का तय किया और दिमाग में आ गया कार्टून कैरेक्टर मोटू पतलू (Cartoon Character Motu Patlu) । अब मोटू पतलू (Motu Patlu) मरीजों से भी वीडियो कॉल पर बात कर उनमें सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) का संचार कर रहे हैं

दरअसल सामाजिक कार्यकर्ता हरिमोहन अपने युवा दोस्तों के साथ मिलकर गरीबों और असहायों की मदद करते हैं ये उनका पैशन है।  इसके लिए सब दोस्त आपस में पैसा इकठ्ठा करते हैं कभी कोई मददगार आ जाता है तो उससे भी मदद ले लेते हैं। पिछले साल कोरोना काल में लगे लॉक डाउन हरिमोहन और उनकी टीम ने शहरी क्षत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्रो में भी भोजन, कपडे, जरुरत का सामान, सेनेटरी पेड आदि बांटा था।  इस साल हरिमोहन अपने दोस्त पारस जैन, जुबेर खान और मुजीब खान के साथ जयारोग्य अस्पताल परिसर में मरीजों के परिजनों को खाना और फल बांट रहे हैं। खास बात ये हैं कि इनके साथ मोटू पतलू (Motu Patlu) भी खाना बांट रहे हैं।

कोरोना पेशेंट के चेहरे पर हंसी ला रहे मोटू पतलू, मरीजों के अटेंडर्स को खिला रहे खाना कोरोना पेशेंट के चेहरे पर हंसी ला रहे मोटू पतलू, मरीजों के अटेंडर्स को खिला रहे खाना

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हरिमोहन ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि वे पिछले करीब 10 दिन से जयारोग्य अस्पताल समूह के कमलाराजा अस्पताल (KRH) के बाहर मरीजों के अटेंडर्स के साथ करीब 300 से 400 लोगों को खाना और फल बांट रहे हैं। उन्हें और उनके दोस्तों को परिजनों के चेहरे पर नकारात्मक भाव (Negativity) दिखाई दिए। उन्होंने दोस्तों के साथ इसे सकारात्मक (Positivity) में बदलने पर चर्चा की तभी दिमाग में आया क्यों न इन्हें हंसाने का कोई उपाय किया जाये जिससे इनका कुछ तनाव कम होगा।  दिमाग में आ गये शादियों में, पार्कों में लोगों को हंसाने वाले कार्टून कैरेक्टर मोटू पतलू (Cartoon Character Motu Patlu) । दोस्तों ने आपस में चर्चा की कि इन्हें हायर किया जाये जिससे कोरोना कर्फ्यू में इनका भी कुछ आर्थिक लाभ हो जायेगा और इन्हें रोजगार मिल जायेगा । उसके बाद मोटू पतलू (Motu Patlu) के माध्यम से अटेंडर्स को खाना बांटना शुरू कर दिया और रविवार को पहले ही दिन इसका असर दिखाई दिया।  लोगों के मुरझाये चेहरों पर थोड़ी हंसी आ गई।

हरिमोहन ने बताया कि हमारे इस नए प्रयोग को देखते हुए जयारोग्य अस्पताल समूह के डॉ सुनील तिवारी और डॉ योगेंद्र परमार ने कहा कि मोटू पतलू (Motu Patlu) यदि कोरोना मरीजों (Corona Patients) से भी वीडियो कॉलिंग पर बात करेंगे तो उनके चेहरे पर भी मुस्कान आएगी।  ये सिलसिला भी शुरू हो गया। रविवार को पहले ही दिन डॉक्टर्स को मरीजों में परिवर्तन दिखाई दिया।  अब परिजनों से वीडियो कॉलिंग से पहले डॉक्टर मोटू पतलू  (Motu Patlu) से मरीज की बात कराते हैं, मोटू पतलू (Motu Patlu) अपनी भाव भंगिमाओं से उन्हें हंसाने का प्रयास करते हैं जिससे मरीज को पॉजिटिव एनर्जी (Positive Energy) मिलती है। कल रविवार से शुरू हुआ मोटू पतलू (Motu Patlu) का ये कॉन्सेप्ट लोगों को और डॉक्टर्स को बहुत पसंद आ रहा है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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