भोपाल डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में लगातार बढ़ते जा रहे कोरोना संक्रमण से निबटने के लिए मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव ने मुख्यमंत्री को कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने इन सुझावों पर अमल करने के लिए अशासकीय लोगों की एक निगरानी समिति बनाने की बात भी मुख्यमंत्री से कही है।
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विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवान देव इसरानी ने कोरोना महामारी के इलाज में लगातार हो रही परेशानियों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा है कि रेमेडीसिविर इंजेक्शन जैसी दवाओं के वितरण की व्यवस्था को पूरी तरह से पारदर्शी बनाना चाहिए। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दवाएं अफसरों और धन्ना सेठों सहित किसी भी ऐसे व्यक्ति तक ना पहुंचे जिससे इनकी आवश्यकता ही नहीं है। क्योंकि अब यह दवा सरकारी नियंत्रण में आ चुकी है इसीलिए इसके वितरण की जांच सुनिश्चित करना मुख्यमंत्री को चाहिए। इसरानी ने यह भी सुझाव दिया है कि आवश्यक दवाओं की आवक और वितरण पर नजर रखने के लिए एक ऐसी अशासकीय सदस्यों की समिति बनानी चाहिए जिसमें समाजसेवी, डॉक्टर और पत्रकार भी शामिल हो।
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विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव इसरानी का कहना है कि घबराए और परेशान लोगों को अब सरकार से ही भरोसा है जिसे बनाए रखना बीमारी की रोकथाम में सहायक होगा इसलिए मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित करें कि सरकार की सारी नीतियां और निर्देश ऐसे गरीब, असहाय व मध्यम वर्गों के लोगों को ध्यान में रखकर बनाए जाएं जिनकी पकड़ प्रशासन में अफसरों और अस्पताल के संचालक तक नहीं है। इसके साथ ही अस्पताल में मरीजों के लिए बिस्तरों का आवंटन भी पारदर्शी प्रक्रिया से करने की जरूरत है और ऐसे लोग जिन्हें इसकी जरूरत नहीं उनसे इतर ऐसे लोगों को जो इस समय जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं उन्हें इनका आवंटन किया जाना चाहिए। निजी अस्पताल संचालकों द्वारा की जा रही लूट खसोट पर भी नियंत्रण रखकर सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह निजी अस्पतालों में इलाज की दरें तय करें।