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Sun, Dec 7, 2025

आख़िर कहां गया खाद से भरा ट्रेन का रैक? दुकानदारों ने लगाए बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप, रिश्वत की भी कही बात

Written by:Atul Saxena
शासन के नियम के मुताबिक 70/30 के रेशो से खाद उपलब्ध कराया जाता है यानि 70 प्रतिशत सरकारी एजेंसियों को और 30 प्रतिशत प्राइवेट दुकानदारों को लेकिन दुकानदारों के हक़ का खाद कहीं और खपाया जा रहा है और आला अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।
आख़िर कहां गया खाद से भरा ट्रेन का रैक? दुकानदारों ने लगाए बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप, रिश्वत की भी कही बात

एक एक किसान तक खाद पहुंचाने के सरकारी दावे की हकीकत क्या है इसका खुलासा ग्वालियर जिले के डबरा के दुकानदारों ने किया है, किसान परेशान है उसे खाद नहीं मिल रहा, उधर दुकानदार भी परेशान हैं क्योंकि उसके पास भी खाद नहीं है। बड़ी बात ये है कि जो खाद डबरा के किसानों के लिए रेलवे से आया उसका पूरा रैक खाली हो गया लेकिन दुकानदारों के दुकानें अभी भी खाली है ये माल कहाँ गायब हो गया इसका जवाब देने के लिए कोई तैयार नहीं है,  दुकानदारों ने खाद वितरण मामले में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोप लगाये हैं।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देशों की प्रशासनिक अधिकारियों को कितनी परवाह है या वो उसका कितना पालन करते हैं इसका प्रमाण ग्वालियर जिले में खाद वितरण व्यवस्था में उजागर हुई खामियां बता रही हैं, यहाँ सरकार के नियम नहीं कृषि विभाग के अधिकारियों की मर्जी चलती है, वो जिसे चाहें उसे खाद उपलब्ध कराएँगे और नहीं चाहेंगे तो जिले के लिए आये खाद को गायब करा देंगे, ये आरोप पीड़ित किसानों ने लगाये हैं।

रेलवे से आई खाद से भरी रैक गायब! दुकानें खाली 

दरअसल इस समय खाद के लिए किसान परेशान है, सरकार उसके लिए खाद उपलब्ध भी करवा रही है, केंद्र सरकार भी रेलवे के माध्यम से अलग अलग कम्पनियों के खाद से भरे रैक पहुंचा रही है लेकिन अफसरों की मनमानी ने खाद वितरण व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्वालियर जिले में डबरा और भितरवार के लिए आया खाद का रैक का लाखों रुपये का खाद दुकानों तक नहीं पहुंचा लेकिन रैक खाली हो गया अब ये कहाँ गया कोई नहीं बता रहा, अब जब दुकानों पर खाद नहीं है तो किसानों तक कैसे पहुँचेगा?

डबरा के लिए आया खाद कहाँ गया किसी को नहीं पता 

डबरा के दुकानदारों का कहना है कि 4 सितम्बर को एसडीएम ने हम दुकानदारों की बैठक ली थी और कहा था कि यूरिया की रैक आने वाली हैं जो आपको सबको मिलेगी उसे आपको बेचना है, बैठक में कृषि विभाग के अधिकारी भी थे। पिछले दिनों एक रैक इफको कंपनी की आई जो कुछ इफको विक्रेता दुकानदारों को मिल गई लेकिन इसके बाद  ब्रह्मपुत्र वैली की जो रैक आई उसका खाद कहाँ गया मालूम नहीं चला, डबरा भितरवार के दुकानदारों की दुकानें खाली पड़ी है किसान चक्कर लगा रहा है लेकिन खाद ही नहीं है तो हम बेचें कहाँ से?

कृषि विभाग के अधिकारी पर रिश्वत मांगने के आरोप 

दुकानदारों ने इसके पीछे एक बड़े षड्यंत्र का आरोप लगाया है, दुकानदारों ने कृषि विभाग के एक अधिकारी घुरैया पर रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये हैं। एक दुकानदार का कहना है कि मैं इफको खाद का विक्रेता हूँ लेकिन मुझे तो इफको का यूरिया भी नहीं मिला क्योंकि घुरैया जी मुझसे पैसा मांग रहे थे मैंने नहीं दिया तो उन्होंने खाद नहीं दी इसलिए इस बार मैं खाद नहीं बेच पा रहा।

दुकानदारों की परेशानी का अफसरों पर कोई असर नहीं 

फ़िलहाल दुकानदार परेशान है उसे खाद नहीं मिल रहा, दुकानदार भी परेशान है उसे भी खाद नहीं मिल रहा लेकिन अफसरों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा। यहाँ बता दें ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने खाद वितरण व्यवस्था को लेकर अफसरों को निर्देश दिए हैं कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी लेकिन डबरा में हो रही लापरवाही की जानकारी कलेक्टर तक क्यों नहीं पहुंच रही ये आश्चर्य की बात है।

डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट