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Sun, Dec 7, 2025

डबरा के चांदपुर हाई स्कूल में शिक्षकों की लापरवाही का मामला आया सामने, अभिभावकों में आक्रोश का माहौल

Written by:Sanjucta Pandit
स्थानीय लोगों और अभिभावकों का आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) और खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) द्वारा समय-समय पर मॉनिटरिंग नहीं किए जाने के कारण शिक्षक लापरवाही बरत रहे हैं।
डबरा के चांदपुर हाई स्कूल में शिक्षकों की लापरवाही का मामला आया सामने, अभिभावकों में आक्रोश का माहौल

Dabra News : मध्य प्रदेश के डबरा से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है, जहां चांदपुर हाई स्कूल में शिक्षक अनुशासनहीनता और लापरवाही का मामला सामने आया है। जब बिना उचित सीएल एप्लीकेशन लगाए प्रिंसिपल सहित 2 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। यह छात्रों के भविष्य के लिए बेहद गंभीर विषय है, जोकि उनकी पढ़ाई पर सीधा असर डाल रही है। बता दें कि चांदपुर के सरकारी हाई स्कूल में कुल 13 शिक्षक हैं। जिसमें में से 28 अक्टूबर को केवल 6 शिक्षक ही उपस्थित थे। इससे परिजनों में आक्रोश का माहौल भी बना हुआ है।

अब सवाल यह पैदा होता है कि बाकी के शिक्षक स्कूल में क्यों उपस्थित नहीं थे? दरअसल, शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले स्कूलों में जिला शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी की समय पर मॉनिटरिंग ना होने के कारण शिक्षकों की लापरवाहियां चरम पर पहुंच चुकी है।

अभिभावकों का आरोप

स्थानीय लोगों और अभिभावकों का आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) और खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) द्वारा समय-समय पर मॉनिटरिंग नहीं किए जाने के कारण शिक्षक लापरवाही बरत रहे हैं। यह पहला मौका नहीं है, जब ग्रामीणों और छात्रों के अभिभावकों ने शिक्षकों की इस लापरवाही की शिकायत डबरा एसडीएम से की हो, लेकिन आजतक इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया है और ना ही शिक्षकों में कोई सुधार देखने को मिल रहा है। टीचर्स लगातार अपनी मनमानी कर रहे हैं।

खंड शिक्षा अधिकारी ने कही ये बात

खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि चांदपुर हाई स्कूल में शिक्षकों की लापरवाही के बारे में वे पहले भी जिला शिक्षा अधिकारी को लिखित प्रतिवेदन भेजकर मामले से अवगत करवा चुके हैं। इस बार भी प्रतिवेदन बनाकर भेजा जाएगा, क्योंकि खंड स्तर पर केवल जिला अधिकारी को मामले की जानकारी देना संभव है। आगे की कार्रवाई का जिम्मा जिला शिक्षा अधिकारी का है। वहीं, जब जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन उठाना भी उचित नहीं समझा। इससे प्रशासनिक स्तर पर शिक्षा के प्रति गंभीरता में कमी का अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला शिक्षा अधिकारी किस तरह शिक्षा को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं।

डबरा, अरुण रजक