दमोह में शुक्रवार सुबह पहली बार पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा के ज़रिए 24 वर्षीय युवती को एयरलिफ्ट कर भोपाल एम्स भेजा गया। दमोह के होमगार्ड मैदान पर उतरी एयर एंबुलेंस से सपना लोधी को भोपाल के लिए रवाना किया गया। खास बात ये कि युवती के पास आयुष्मान कार्ड भी नहीं था लेकिन कलेक्टर की विशेष अनुमति के बाद मरीज़ को पीएमश्री पीएमश्री एयर एंबुलेंस से एयरलिफ्ट किया गया। वहीं आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है।
जिला अस्पताल के चिकित्सकों की सिफारिश के बार प्रशासन ने इस केस की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से एयर लिफ्ट का निर्णय लिया। मरीज को ग्रीन कारीडोर के ज़रिए एंबुलेंस से होमगार्ड ग्राउंड तक लाया गया और उसके साथ डॉक्टरों की पूरी टीम मौजूद रही। फिर होमगार्ड मैदान पर उतरे हेलीकॉप्टर से उन्हें भोपाल एम्स लाया गया है।
प्रसव की जटिलता के बाद युवती की हालत बिगड़ी
सपना लोधी पटेरा ब्लॉक की निवासी है और उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। चौबीस साल की युवती को हफ्ते भर पहले प्रसव पीड़ा के हटा सिविल अस्पताल ले जाया गया। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। लेकिन वहां उनके गर्भ में शिशु की मौत हो गई। इसके बाद परिवार ने उन्हें जबलपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन दो दिन इलाज के बाद डॉक्टरों ने साफ कह दिया कि मरीज के पास अब कुछ ही घंटे बचे हैं और वे उसे घर ले जाएं। निराश परिवार सपना को दमोह जिला अस्पताल लेकर आया, जहां आईसीयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में उनकी हालत में थोड़ा सुधार हुआ।
मरीज को पीएमश्री एंबुलेंस से भोपाल एम्स भेजा गया
दमोह जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने सलाह दी कि बेहतर इलाज के लिए उन्हें किसी बेहतर सुविधा वाले अस्पताल में भेजना आवश्यक है। इसके बाद जिला अस्पताल ने प्रशासन को विस्तृत रिपोर्ट भेजी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने तुरंत मरीज़ को एयर लिफ्ट कराने का निर्णय लिया। इसके बाद तत्काल सभी प्रशासनिक औपचारिकताए पूरी कर आज सुबह सपना लोधी को पीएमश्री एयर एंबुलेंस से दमोह से भोपाल के एम्स अस्पताल भेजा गया। दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि जब उन्हें मरीज़ की स्थिति के बारे में जानकारी मिली तो ये निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार की योजना का लाभ दिलाते हुए उन्हें तत्काल भोपाल शिफ्ट किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि डॉक्टर विक्रांत चौहान ने इस पूरे मिशन को लीड किया और अन्य डाक्टर्स और मेडिकल टीम ने इसमें सहयोग किया है।





