दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह में प्रशासनिक सक्रियता की एक अनूठी मिसाल सामने आई है। यहां चुनाव से जुड़े काम के दौरान मृत हुए एक बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के बेटे को महज पांच दिनों के रिकॉर्ड समय में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है। सोमवार को कलेक्टर सुधीर कोचर ने खुद मृतक के बेटे अंकेश गोंड को नियुक्ति पत्र सौंपा।
इतनी तेजी से हुई इस कार्रवाई को दमोह जिले के लिए एक ऐतिहासिक घटना माना जा रहा है, जहां अमूमन अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रियाओं में महीनों लग जाते हैं।
ड्यूटी के दौरान बिगड़ी थी तबीयत
जानकारी के अनुसार, जिले के पठारी में पदस्थ शिक्षक सीताराम गोंड की ड्यूटी एसआईआर (Specia Intensive Revision) कार्य में लगी थी। बीते 22 नवंबर को काम के दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई, जिससे प्रशासनिक महकमे में भी हलचल मच गई।
कलेक्टर ने निभाया वादा, समय से पहले दी नौकरी
घटना की जानकारी मिलते ही दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर उसी दिन मृतक सीताराम गोंड के घर पहुंचे थे। उन्होंने शोकाकुल परिवार को सांत्वना देते हुए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था। कलेक्टर ने घोषणा की थी कि 30 नवंबर से पहले मृतक के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दे दी जाएगी।
प्रशासन ने अपने वादे को समय सीमा से पहले ही पूरा कर दिखाया। 27 नवंबर को कलेक्टर कार्यालय में उनके चैंबर में अंकेश गोंड को चपरासी (प्यून) के पद पर नियुक्ति का पत्र सौंप दिया गया।
परिवार को मिला बड़ा सहारा
पिता की आकस्मिक मृत्यु से टूटे परिवार के लिए यह नियुक्ति एक बड़ा सहारा बनकर आई है। प्रशासन ने न केवल बेटे को सरकारी नौकरी दी, बल्कि मृतक बीएलओ की बेटी राधा गोंड को भी निजी क्षेत्र में नौकरी दिलाने की पहल की जा रही है, ताकि परिवार को आर्थिक रूप से और मजबूती मिल सके। इस त्वरित कार्रवाई ने संकटग्रस्त परिवार को बड़ी राहत दी है।





