दमोह: मध्य प्रदेश में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ताजा मामला दमोह जिले का है, जहां एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ‘डिजिटल अरेस्ट’ का शिकार हो गए। ठगों ने उन्हें एक न्यूड वीडियो कॉल के जाल में फंसाया और फिर खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर 1.38 लाख रुपये से ज्यादा की रकम वसूल ली।
पीड़ित शिक्षक गोपाल सिंह राजपूत हटा के एक सरकारी स्कूल में पदस्थ हैं। घटना उस वक्त हुई जब वह इंदौर से दमोह लौट रहे थे। रास्ते में उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से वीडियो कॉल आया, जिसे उठाते ही स्क्रीन पर एक निर्वस्त्र महिला नजर आई। शिक्षक ने घबराकर तुरंत कॉल काट दी, लेकिन यहीं से ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू हो गया।
धमकी और ‘डिजिटल अरेस्ट’ का जाल
वीडियो कॉल कटने के कुछ ही देर बाद, शिक्षक के WhatsApp पर उसी महिला ने दोबारा संपर्क किया। उसने वीडियो वायरल करने की धमकी दी और उन्हें बदनाम करने की बात कही। मामला यहीं नहीं रुका। अगले दिन शिक्षक के पास एक और कॉल आई, जिसमें फोन करने वाले ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अफसर बताया।
उसने शिक्षक को न्यूड वीडियो कॉल का हवाला देकर धमकाया और उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया। इसका मतलब था कि शिक्षक को फोन पर बने रहने और किसी से बात न करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद फर्जी अफसर ने शिक्षक की बात संजय सिंह नाम के एक अन्य व्यक्ति से कराई, जिसने पैसे की मांग शुरू कर दी।
बदनामी के डर से गंवाए लाखों रुपये
लोकलाज और बदनामी के डर से शिक्षक गोपाल सिंह पूरी तरह घबरा गए। उन्होंने ठगों के बताए अनुसार अलग-अलग किश्तों में डिजिटल पेमेंट के जरिए पैसे भेजना शुरू कर दिया। इस तरह उन्होंने कुल 1 लाख 38 हजार 500 रुपये ठगों के खाते में जमा कर दिए।
पैसे देने के बाद जब ठगों के फोन आने बंद हो गए, तो शिक्षक को लगा कि वह इस मुसीबत से बच गए हैं। काफी समय तक उन्होंने यह बात किसी को नहीं बताई। लेकिन जब उन्होंने अपने कुछ करीबियों से इस घटना का जिक्र किया, तो उन्हें समझाया गया कि वह साइबर फ्रॉड का शिकार हुए हैं।
पुलिस ने शुरू की जांच
धोखाधड़ी का अहसास होने पर शिक्षक ने दमोह एसपी कार्यालय पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराई और पुलिस को पूरी आपबीती सुनाई। उन्होंने ठगी से जुड़े सभी डिजिटल सबूत भी पुलिस को सौंपे हैं।
“पीड़ित शिक्षक ने अपने साथ हुई डिजिटल ठगी के दस्तावेज दिए हैं, जिससे साफ है कि वह साइबर फ्रॉड का शिकार हुए हैं। साइबर सेल मामले की जांच कर रही है और आरोपियों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।” — सुजीत भदौरिया, एडिशनल एसपी, दमोह
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह ‘डिजिटल अरेस्ट’ और सेक्सटॉर्शन का एक संगठित मामला है। पुलिस साइबर सेल की मदद से उन बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है जिनका इस्तेमाल इस ठगी में किया गया।
दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट





