मध्य प्रदेश के दतिया में अवैध धान खरीदी केंद्र का खुलासा हुआ है, यहाँ व्यापारी बेख़ौफ़ होकर किसानों से धान खरीद रहे थे, सूचना मिलने पर कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े एक्शन में आये और उनके निर्देश पर गई अफसरों की टीम ने फर्जी केंद्रों पर छापा मारा, यहाँ टीम ने 500 क्विंटल धान जब्त किया, अब व्यापारियों के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की जा रही है
मध्य प्रदेश में इन दिनों धान खरीदी की जा रही है, सरकार के निर्देश पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की खरीदी 1 दिसंबर 2025 से शुरू हो गई है जो 20 जनवरी 2026 तक की जाएगी। सामान्य धान की एमएसपी 2,369 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान की 2,389 रुपये प्रति क्विंटल है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश हैं कि सभी जिलों के कलेक्टर उपार्जन केंद्रों पर विशेष नजर रखें इसी क्रम में दतिया में भी जिला प्रशासन सतर्क था।
दतिया में अवैध धान खरीदी केंद्रों पर छापा
कलेक्टर स्वप्निल वानखडे को सूचना मिली कि जिले में अवैध तरीके से उपार्जन केंद्र बनाकर किसानों से धान की खरीदी की जा रही है, उन्होंने एसडीएम संतोष तिवारी को कृषि उपज मंडी क्षेत्र में अवैध धान खरीदी पर कार्रवाई के निर्देश दिए। अधिकारियों के निर्देश पर तहसीलदार संजीव तिवारी के नेतृत्व में गठित टीम ने ग्राम कुरथरा एवं गोपालपुरा तिराहा गोपालपुर क्षेत्र में औचक दबिश दी।
छापे की सूचना मिलते ही दुकानदार फरार
प्रशासन की दबिश के दौरान दो स्थानों पर अवैध धान खरीदी केंद्र संचालित होते मिले। जहाँ बिना अनुमति के किसानों का धान अवैध रूप से खरीदा जा रहा था। प्रशासन के एक्शन की भनक लगते ही कई दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर मौके से फरार हो गए। ऐसे फरार कारोबारियों की पहचान कर उनके विरुद्ध आगे की क़ानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों ने मंडी इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह को दिए हैं।
छापे में 500 क्विंटल धान जब्त
छापामार कार्रवाई में मंडी इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह, वीरेंद्र नरवरिया सहित मंडी और प्रशासनिक अमले की संयुक्त टीम शामिल रही। टीम न मौके पर लगभग 500 क्विंटल धान जब्त किया, साथ ही अवैध धान खरीदी से जुड़े अभिलेख, तौल उपकरण और अन्य सामग्री भी जब्त किये।
प्रशासन की चेतावनी अवैध खरीदी बर्दाश्त नहीं
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिले में बिना पंजीयन या निर्धारित प्रक्रिया के विरुद्ध जाकर किसी भी प्रकार की अवैध खरीदी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर वानखडे के निर्देशानुसार ऐसी कार्यवाहियां आगे भी निरंतर जारी रहेंगी, ताकि अवैध व्यापार पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाया जा सके और किसानों के हितों की रक्षा सुनिश्चित हो सके।





