2009 में रिलीज़ हुई ‘3 इडियट्स’ बॉलीवुड की उन फिल्मों में से एक रही जिसने कमाई, कहानी और क्रिटिक्स हर जगह तारीफें बटोरी। आमिर खान, आर. माधवन, शरमन जोशी और करीना कपूर की ये फिल्म कॉलेज लाइफ, दोस्ती, फैमिली प्रेशर और करियर की जद्दोजहद पर बनी थी, जिसे हर उम्र के लोगों ने खूब सराहा। इस फिल्म ने दुनियाभर में करीब 460 करोड़ रुपये की कमाई कर हिंदी सिनेमा का रिकॉर्ड बना दिया था।
बता दें कि ‘3 इडियट्स’ को राजकुमार हिरानी ने डायरेक्ट किया था और इसकी कहानी चेतन भगत के नॉवेल ‘Five Point Someone’ से प्रेरित थी। फिल्म में ऐसा कोई टिपिकल विलेन या एक्शन नहीं था, लेकिन इसकी सादगी, इमोशनल टच और दिल छू लेने वाले डायलॉग्स ने इसे क्लासिक बना दिया। “All is well”, “बच्चे काबिल बनो…” जैसे डायलॉग्स आज भी लोगों की जुबान पर हैं। इस फिल्म को इंडिया के बाहर भी खूब सराहा गया और खासकर एजुकेशन को लेकर फिल्म का मैसेज दुनियाभर के यूथ से कनेक्ट कर गया। इसने उस वक्त 460 करोड़ रुपये की वर्ल्डवाइड कमाई की, जो अपने समय में अभूतपूर्व था।

3 Idiots का रीमेक भी बना हिट
वहीं ‘3 इडियट्स’ की सफलता के बाद साल 2012 में इसका तमिल रीमेक ‘ननबन’ आया, जिसे साउथ के जाने-माने डायरेक्टर शंकर ने बनाया। आमतौर पर शंकर किसी फिल्म का रीमेक नहीं करते, लेकिन ‘3 इडियट्स’ से इतने प्रभावित हुए कि इसके अधिकार खुद खरीद लिए। पहले लीड रोल के लिए सूर्या को अप्रोच किया गया था, लेकिन बाद में ये रोल सुपरस्टार विजय को मिला। फिल्म में विजय के साथ जीवा, श्रीकांत और इलियाना डिक्रूज जैसे कलाकार थे। इसका बजट करीब 50 करोड़ रुपये था और यह भी एक इमोशनल, फील-गुड फिल्म रही। हालांकि ‘ननबन’ ने ‘3 इडियट्स’ जितनी बड़ी कमाई नहीं की, लेकिन फिर भी इसने करीब 150 करोड़ रुपये का बिजनेस किया। फिल्म को तमिल ऑडियंस ने काफी पसंद किया और आज भी ये रीवॉच लिस्ट में शामिल रहती है। खास बात ये है कि फिल्म के मैसेज, इमोशंस और संवादों ने भाषा की दीवार तोड़ दी।
क्यों आज भी ये फिल्में लोगों की फेवरेट हैं
बता दें कि ‘3 इडियट्स’ और ‘ननबन’ दोनों फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं देतीं, बल्कि जिंदगी को देखने का नजरिया भी बदल देती हैं। इन फिल्मों की सबसे बड़ी ताकत है कि ये जेनरेशन गैप को मिटा देती हैं पेरेंट्स और बच्चों के बीच की सोच को जोड़ने का काम करती हैं। कॉलेज लाइफ, करियर का तनाव, पेरेंट्स की उम्मीदें और दोस्ती जैसे विषय हर इंसान से जुड़े होते हैं। यही कारण है कि आज भी कोई बच्चा कॉलेज में दाखिला लेता है तो ये फिल्म दोबारा देखना चाहता है। अब जब रीमेक भी इतना पसंद किया गया है, तो ये साबित हो गया कि अगर कहानी में दम हो और प्रजेंटेशन सच्चा हो, तो वो हर पीढ़ी के दिल को छू सकती है। ‘3 इडियट्स’ और ‘ननबन’ इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण हैं।