आमिर खान ने गोविंदा की जिस फिल्म को बताया था अश्लील उसी ने बजट से 10 गुना कमाई की, बनी थी साल की सबसे बड़ी हिट

1993 में रिलीज हुई गोविंदा की फिल्म ‘आंखें’ ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था। हालांकि, आमिर खान ने इसे ‘अश्लील’ और ‘घटिया’ करार दिया था। फिर भी, फिल्म ने अपने 2.5 करोड़ के बजट के मुकाबले 25 करोड़ की कमाई की। आइए, जानें इस फिल्म की कहानी और विवाद।

‘आंखें’ में गोविंदा ने डबल रोल निभाया था, और उनके साथ चंकी पांडे, कादर खान, शक्ति कपूर और शिल्पा शिरोडकर जैसे सितारे थे। यह फिल्म 2.5 करोड़ के बजट में बनी और बॉक्स ऑफिस पर 25 करोड़ कमाए। यह 1993 की सबसे बड़ी हिट थी।

अनीस बज्मी द्वारा लिखित इस फिल्म में गोविंदा ने दो भाइयों का किरदार निभाया, जिसमें हास्य, ड्रामा और एक्शन का मिश्रण था। चंकी पांडे, रागेश्वरी, रितु शिवपुरी, शिल्पा शिरोडकर, कादर खान, सदाशिव अमरापुरकर और राज बब्बर जैसे सितारों ने फिल्म को और रंगीन बनाया। 2.5 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 25 करोड़ की कमाई की, जो उस समय के हिसाब से बड़ी उपलब्धि थी। यह 1993 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी, जिसने ‘खलनायक’, ‘डर’ और ‘बाजीगर’ जैसी फिल्मों को पीछे छोड़ दिया। हालांकि, आमिर खान ने 1993-94 के एक इंटरव्यू में कहा, “डेविड मेरा दोस्त है, लेकिन मुझे यह फिल्म पसंद नहीं आई। यह बहुत अश्लील थी, कुछ सीन वल्गर थे।” आमिर ने यह भी कहा कि 1993 में देश में दंगे और बॉम्बे बम धमाकों के बाद लोग हल्की-फुल्की मनोरंजन चाहते थे, जिस कारण यह फिल्म चली। फिर भी, दर्शकों ने इसे खूब प्यार दिया।

‘आंखें’ की सफलता, क्यों बनी यह फिल्म सुपरहिट?

‘आंखें’ की कहानी दो भाइयों, शिवनाथ और मunnनाथ, के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनका किरदार गोविंदा ने निभाया। इसमें एक बंदर भी अहम रोल में था, जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया। डेविड धवन के हल्के-फुल्के डायरेक्शन और अनीस बज्मी के मजेदार डायलॉग्स ने फिल्म को हर वर्ग के दर्शकों के लिए मजेदार बनाया। गाने जैसे “लाल दुपट्टे वाली” आज भी लोकप्रिय हैं। फिल्म ने 12 हफ्ते तक सिनेमाघरों में धूम मचाई और 1993 की सबसे बड़ी हिट बनी। 39वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में इसे बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर (डेविड धवन), बेस्ट एक्टर (गोविंदा) और बेस्ट कॉमेडियन (कादर खान) के लिए नॉमिनेट किया गया, हालांकि इसे कोई अवॉर्ड नहीं मिला। आमिर खान की आलोचना के बावजूद, दर्शकों ने इसे खूब सराहा, और यह गोविंदा के करियर की आइकॉनिक फिल्म बन गई।

क्यों की थी की आलोचना?

1993-94 में एक वैंकूवर-बेस्ड मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में आमिर खान ने ‘आंखें’ को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “फिल्म की कहानी अच्छी होनी चाहिए, सितारे सिर्फ सफलता को बढ़ाते हैं।” जब होस्ट ने पूछा कि फिर ‘आंखें’ जैसी फिल्म, जिसकी कहानी अच्छी नहीं थी, इतनी बड़ी हिट कैसे बनी, तो आमिर ने जवाब दिया, “डेविड मेरा करीबी दोस्त है, लेकिन मुझे यह फिल्म पसंद नहीं आई। यह बहुत क्रूड थी, कुछ सीन वल्गर थे। मुझे नहीं पता यह इतनी बड़ी हिट क्यों हुई।” आमिर ने यह भी कहा कि 1993 में देश में तनाव था, दंगे और बॉम्बे बम धमाकों के बाद लोग हल्की-फुल्की कॉमेडी चाहते थे, जिससे ‘आंखें’ को फायदा हुआ। उनकी यह टिप्पणी उस समय विवादास्पद रही, क्योंकि गोविंदा और डेविड धवन की जोड़ी उस दौर में बॉक्स ऑफिस पर राज कर रही थी। आमिर की अपनी फिल्म ‘हम हैं राही प्यार के’ उसी साल रिलीज हुई थी, जो हिट रही, लेकिन ‘आंखें’ ने कमाई में इसे पीछे छोड़ दिया।


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Ronak Namdev

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मैं रौनक नामदेव, एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मैंने अपनी शिक्षा DCA, BCA और MCA मे पुर्ण की है, तो तकनीक मेरा आधार है और लेखन मेरा जुनून हैं । मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का ।

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