Pankaj Tripathi Birthday : गांव के नाटकों में लड़की का किरदार निभाते थे पंकज त्रिपाठी, 46वां जन्मदिन आज

मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। बॉलीवुड की चकाचौंध में कुछ कलाकार ऐसे हैं जो एकदम सादा हैं। उनमें आज भी देहात की खुशबू है, वो मायानगरी में आकर भी अपनी जड़ों से उखड़े नहीं और उनकी अदाकारी इतनी सहज है जैसे कोई बहती हुई नदी। इस कड़ी में बहुत मज़बूत नाम है पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi)। आज वो अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं और उनके फैन्स उन्हें भर भरकर दुआएं दे रहे हैं।

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हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार पंकज त्रिपाठी ने यहां पहचान बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया। फिर आई ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ और इसने उन्हें उस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया जहां से वो लगातार आगे बढ़ते गए। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अनुराग कश्यप पहले उन्हें इस रोल के लिए लेना नहीं चाहते थे। इस फिल्म के कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने एक इंटरव्यू में बताया कि इस रोल के लिए 384 ऑडिशन लिए गए थे और अनुराग कश्यप ने शुरू में कहा था कि वो पंकज त्रिपाठी को लेकर श्योर नहीं हैं। उनके ज़हन में किसी दूसरे एक्टर का खयाल था, लेकिन आखिर में ये रोल पंकज त्रिपाठी के हिस्से आया।

पंकज त्रिपाठी का जन्म 5 सितंबर 1976 को बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड गांव में हुआ था। उन्हें शुरू से ही एक्टिंग का शौक था और वो पहले अपने गांव में होने वाले नाटकों में लड़की का किरदार निभाते थे। बड़े होने के बाद उन्होने थियेटर का रुख किया। 2004 में उन्होने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) से अपना कोर्स खत्म किया और फिर किस्मत आजमाने मुंबई जा पहुंचे। यहां उनका लंबा संघर्ष रहा और इस दौरान उनकी पत्नी मृदुला ने उनका बहुत साथ दिया। इनकी प्रेम कहानी भी पूरी फिल्मी है। जब वो 10वीं क्लास में थे जब एक शादी में मृदुला को पहली बार देखा था। इसके बाद उनकी दोस्ती हुई। हालांकि वो अधिक नहीं मिल पाते थे और फिर बाद में एक्टिंग के लिए उन्होने गांव छोड़ दिया। लेकिन वो दोनों जानते थे कि एक दूसरे के लिए बने हैं और हर हालात में उन्होने एक दूसरे का इंतजार किया। आखिर घरवाले भी उनके फैसले के आगे झुक गए और दोनों शादी के बंधन में बंध गए।

बॉलीवुड में सफल होने से पहले जीविका के लिए उन्होने कई काम किए। वो पटना के मौर्या होटल में भी काम कर चुके हैं। इसे लेकर उन्होने एक रोचक किस्सा बताया। एक बार उस होटल में मनोज बाजपेयी रुके और जाते समय वो अपनी चप्पल छोड़ गए। पंकज त्रिपाठी उनकी एक्टिंग के जबरदस्त फैन थे और उन्हें अपन गुरू मानते थे। इसके बाद उन्होने होटल के हाउस कीपिंग स्टाफ के मिन्नत कर मनोज बाजपेयी की चप्पलें ले ली। उनका मानना था कि अगर वो उनकी चप्पलों को अपने पैरों में डाल लेंगे तो शायद उनपर गुरू की कृपा हो जाए और वो भी अदाकारी के क्षेत्र में अपना नाम बना पाएं। आज उनका ये सपना सच हो चुका है और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में उन्होने मनोज बाजपेयी के साथ काम भी किया था। अब हजारों ऐसे लोग हैं जो एक्टिंग में उन्हें अपना गुरू मानते हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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