सफेद साड़ी में आलिया भट्ट ने बिखेरें जलवे , भूमि पाडनेकर की खूबसूरती भी कुछ कम नहीं

Manisha Kumari Pandey
Published on -

मुंबई , डेस्क रिपोर्ट । आज “गंगूबाई काठियावाड़ी ” का प्रोमोशन करते आलिया भट्ट सफेद साड़ी में नजर आयी ।  उनका यह लुक काफी ज्यादा खूबसूरत रहा । फैंस ने उनके लुक कि खूब तारीफ की । किसी ने कॉमेंट्स कहा what a ब्यूटी? तो किसी ने उन्हें ब्यूटी क्वीन बताया। आज आलिया भट्ट ने इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीरें साझा करते हुए “गंगूबाई काठियावाड़ी” का प्रमोशन किया।  तस्वीर में वह सफेद पोशाक में नजर आई उन्होंने अपने साड़ी के इस लुक को सर्कुलर सफेद क्रिस्टल earring से पूरा किया , और माथे पर एक काले रंग की बिंदी लगाये नजर आयी । खुले बालों में लाल गुलाब और बोल्ड मेकअप के साथ रेड लिपस्टिक में आलिया  का एथनिक लुक काफी ज्यादा खूबसूरत लगा रहा है । सफेद शिफॉन साड़ी को एंब्रॉयडरी वाले sleeveless ब्लाउज के साथ पूरा किया ।

यह भी पढ़े … Oscar Award :- “जय भीम” फिल्म होगा ऑस्कर के लिए nominate ?

जहां आलिया का सफेद साड़ी का लुक बहुत खूबसूरत लगा रहा , वहीं भूमि पाडनेकर के भी सफेद साड़ी वाले लुक कि दर्शक खूब तारीफ करते नजर आए । दरअसल,  सोमवार को भूमि पाडनेकर बधाई दो फिल्म को प्रमोट करते नजर आए उन्होंने भी इस दौरान सफेद साड़ी ही पहना था। उनका सफेद साड़ी का लुक काफी खूबसूरत लगा। तस्वीर में भूमि सफेद रफल साड़ी के साथ स्लीवलेस ब्लाउज पहने नजर आयी । साड़ी पर रेट एंब्रॉयडरी देखने को मिली उन्होंने अपने इस लुक को क्रिस्टल earring से pair किया और बोल्ड मेकअप के साथ न्यूड कलर लिपस्टिक में नजर आई ।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Bhumi 🌻 (@bhumipednekar)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News