गुमनामी की दुनिया से निकला एक लड़का, जो कहलाया बॉलीवुड का शहंशाह, पढ़ें उनके संघर्ष की दास्तां

अमिताभ बच्चन आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। फिल्म कुली के सेट हादसे, करियर की संघर्ष भरी शुरुआत और रेखा के साथ रिश्तों की चर्चित कहानी ने उन्हें सदी का महानायक और भारतीय सिनेमा का अमर चेहरा बना दिया।

सदी के महानायक और बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन आज अपना 83वां जन्मदिन मना रहे हैं। महानायक का जन्म साल 1942 को देश आजाद होने से पहले उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता का नाम हरिवंश राय बच्चन था। उनके पिता हिंदी जगत के मशहूर कवि रहे हैं। बता दें कि अमिताभ बहुत ही आर्दशवादी व्यक्ति हैं। वहीं, एबी इतनी उम्र होने के बावजूद आज भी वह बहुत एंर्जेटिक रहते हैं और अपने काम के प्रति बेहद निष्ठावान भी हैं। महानायक को अभी तक बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार समेत कई बड़े राजनेताओं ने जन्मदिन की बधाइयां दी है। उनके जन्मदिन के खास मौके पर पूरे देशभर से उन्हें बधाइयां मिल रही हैं।

ऐसे में आज हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कई बातें बताएंगे, जिससे शायद बहुत लोग अनसुने हैं। आज वह किसी की पहचान को मोहताज नहीं हैं, लेकिन उनका फिल्मी सफर इतना भी आसान नहीं रहा है। कई बार फ्लॉप फिल्में देने के साथ ही बेज्जती सहते हुए उन्होंने सफलता हासिल की है।

डायलॉग्स ने ताली बजाने पर किया मजबूर

अमिताभ बच्चन वो नाम है, जिसने हिंदी सिनेमा को एक नई पहचान दी। वो आवाज है, जिसने सिनेमा हॉल में तालियों की गूंज भर दी। वो शख्सियत है, जिसने अपनी बातों से आम इंसान को हीरो बना दिया। कुली बोझ बनकर सर पर बैठ गया ना तो सीधा जमीन में घुस जाओगे जब 1983 में फिल्म कुली में बिग बी ने यह डायलॉग बोला, तो थिएटर में लोग खड़े होकर तालियां बजाने लगे। साल था 1982 में फिल्म कुली की शूटिंग बेंगलुरु में चल रही थी। एक फाइट सीन की तैयारी थी, जिसमें अभिनेता पुनीत इस्सर को अमिताभ को मुक्का मारना था और उन्हें टेबल पर गिरना था। बिग बी ने बॉडी डबल लेने से मना कर दिया और बोले सीन असली लगेगा तभी असर करेगा। कैमरा चला, सीन शूट हुआ, तालियां बजीं, लेकिन कुछ ही देर में अमिताभ को पेट में हल्का दर्द महसूस हुआ। किसी ने सोचा भी नहीं था कि यही हल्का दर्द मौत के दरवाजे तक पहुंचा देगा।

लोगों ने मांगी दुआएं

दो दिन तक दर्द बढ़ता गया। शुरू में सबको लगा मामूली चोट है, लेकिन जब हालत बिगड़ी तो फौरन अस्पताल ले जाया गया। रिपोर्ट्स में कुछ नहीं दिखा, लेकिन डॉक्टरों को बाद में समझ आया कि उनकी छोटी आंत फट गई है और झिल्ली भी चीर चुकी है। हालत गंभीर थी, शरीर में इंफेक्शन फैल चुका था और अमिताभ कोमा में चले गए। मुंबई और बेंगलुरु के अस्पतालों के बाहर लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। कोई मंदिरों में दीप जला रहा था तो कोई मन्नत मांग रहा था। जया बच्चन सिद्धिविनायक मंदिर में हर रोज दर्शन करने जाती थीं। कई सर्जरी और तमाम मुश्किलों के बाद फैंस की दुआएं काम आईं। धीरे-धीरे बिग बी ठीक हुए और जब 24 सितंबर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली।

कभी मारा गया था ताना

दूसरे किस्से की बात करें तो आज जो शख्स सदी के महानायक कहलाते हैं, कभी उन्हें यह कहा गया था कि वो हीरो जैसे दिखते ही नहीं। टीवी प्रोड्यूसर नीरजा शाह की मां के घर अमिताभ कुछ समय के लिए रुके थे, जब उनके पिता हरिवंश राय बच्चन ने फोन कर कहा था, “मेरा बेटा एक्टर बनना चाहता है, कुछ दिन रख लीजिए।” उसी दौरान नीरजा ने उनसे कहा था, “आप न तो शशि कपूर जैसे लगते हो, न राजेश खन्ना जैसे। फिर कैसे बनोगे हीरो?” लेकिन अमिताभ ने मुस्कराकर जवाब दिया, “देखते हैं” और इतिहास गवाह है कि वही लंबा, दुबला-सा लड़का हिंदी सिनेमा का सबसे बड़ा चेहरा बना।

लव स्टोरी

अमिताभ बच्चन की बात हो और उनकी लव स्टोरी की चर्चा ना हो, ऐसा नहीं हो सकता है। उनकी और रेखा की जोड़ी हमेशा से ही लाइमलाइट में रही है। दोनों के जीवन से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा आज हम आपको सुनाने जा रहे हैं, जब रेखा ने खुद को पूरी तरह बदल लिया था। एक इंटरव्यू के दौरान रेखा ने खुद कहा था कि उनसे मैंने अनुशासन, समर्पण और समय की कीमत सीखी है। उन्होंने मेरे व्यवहार को निखारा। मैं उनके कारण शाकाहारी बन गई।

यासर उस्मान की किताब रेखा: द अनटोल्ड स्टोरी में लिखा है कि यह रिश्ता सिर्फ अफवाह नहीं था, बल्कि रेखा के जीवन में गहरा असर छोड़ गया था। वहीं, एक समय जया बच्चन ने भी इस अफवाह को अपने अंदाज में खत्म करने की कोशिश की। जब अमिताभ शूटिंग पर थे, जया ने रेखा को अपने घर लंच पर बुलाया और सीधे कहा, “अमित मेरे हैं और हमेशा मेरे ही रहेंगे।”


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