अमिताभ बच्चन की फिल्म दीवार का वह किस्सा, जब सच हो गई थी ये भविष्यवाणी!

डायलॉग और गीत काफी ज्यादा फेमस हुए, जो आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े रहते हैं। जिनमें दीवार फिल्म के डायलॉग भी शामिल है, जो कि साल 1975 में रिलीज हुई थी। आज इसे क्लासिक फिल्म माना जाता है।

Sanjucta Pandit
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Amitabh Bachchan : सदी के महानायक अमिताभ बच्चन कई दशकों से सभी के दिलों में राज कर रहे हैं। करियर के दौरान उन्होंने एक-से-बढ़कर-एक सुपरहिट फिल्में दी हैं। जिनके डायलॉग और गीत काफी ज्यादा फेमस हुए, जो आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े रहते हैं। जिनमें दीवार फिल्म के डायलॉग भी शामिल है, जो कि साल 1975 में रिलीज हुई थी। आज इसे क्लासिक फिल्म माना जाता है।

अमिताभ बच्चन की फिल्म दीवार में उनके द्वारा बोले गए डायलॉग आज भी दमदार है। इसे आज भी दर्शक काफी पसंद करते हैं।

यश चोपड़ा ने किया डायरेक्ट

दीवार फिल्म को यश चोपड़ा ने डायरेक्ट किया था और इसके लेखक सलीम-जावेद की जोड़ी थी। हिंदी फिल्म सिनेमा की यह सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में गिनी जाती है। इसमें अमिताभ बच्चन के अलावा शशि कपूर, निरुपा रॉय, परवीन बॉबी, नीतू सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। फिल्म अमिताभ बच्चन ने यंग एंग्री यंग मैन का किरदार निभाया था। इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार भी मिल चुका है।

बड़े पर्दे पर मचाया धमाल

इससे एक जुड़ा किस्सा आज हम आपको बताने वाले हैं, जिसे जावेद साहब ने भविष्यवाणी की थी। उन्होंने कहा था कि यह फिल्म 50 सप्ताह तक चलेगी और यह बात सच भी हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिल्म दीवार ने 100 हफ्तों से भी ज्यादा समय तक बड़े पर्दे पर धमाल मचाया।

इस अभिनेता को करना चाहते थे कास्ट

हालांकि, पहले निर्माता गुलशन राय इस फिल्म में राजेश खन्ना को कास्ट करना चाहते थे, लेकिन सलीम जावेद इसके लिए राजी नहीं हुए, तब यह मूवी अमिताभ बच्चन की झोली में जा गिरी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन द्वारा बोले गए डायलॉग ‘मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता’, ‘मेरे पास मां है’ खूब ज्यादा फेमस हुआ।


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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