‘सुरों की मल्लिका’ आशा भोसले का है आज 91वां जन्मदिन, जानें उनके संगीत का अद्भुत सफर

Asha Bhosle Birthday: आज 'सुरों की मल्लिका' आशा भोसले का 91वां जन्मदिन है। उन्होंने संगीत यात्रा में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उन्होंने हर बार अपने अद्वितीय स्वर से दिलों को छू लिया।

Asha Bhosle Birthday

Asha Bhosle Birthday: सुरों की दुनिया में एक ऐसा नाम है जिसने लाखों दिलों को जीता है वह है आशा भोसले। आज वे 91 वर्ष की हो गई है। महाराष्ट्र के सांगली में 8 सितंबर 1933 को जन्मी आशा भोसले ने अपनी सुरमयी आवाज से लाखों लोगों का दिल जीता है। उनकी आवाज में एक ऐसा जादू है जो सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देता है। उनकी गायकी में इतनी गहराई और भावना है कि हर कोई उनकी आवाज से जुड़ जाता है।

उनके गीत ‘झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में’, ‘मार गई मुझे तेरी जुदाई’, ‘पिया तू अब तो आजा’ जैसे गीतों ने न सिर्फ फिल्मों को सफल बनाया बल्कि लोगों के दिलों में भी अपनी एक खास जगह बनाई। उनकी गायकी में इतनी विविधता है कि वे किसी भी प्रकार के गीत को बड़ी ही आसानी से गा लेती है। चाहे फिर वह रोमांटिक गीत हो, नृत्य गीत तो या फिर भक्ति गीत ही क्यों ना हो वह हर प्रकार के गीत को अपनी आवाज में बखूबी सजा लेती हैं।

कैसे शुरू हुआ आशा भोसले का संगीत सफर

आशा भोसले का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था जहां संगीत का वातावरण हमेशा ही रहता था। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर एक प्रसिद्ध थिएटर कलाकार और गायक थे। बचपन से ही जब आशा भोसले ने ऐसा वातावरण देखा तो उन्हें संगीत के प्रति रुचि जागने लगी। आशा और उनकी बड़ी बहन लता दोनों को ही बचपन से संगीत में बेहद रूचि रही। लेकिन जब आशा भोसले छोटी थी तब उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद उन्होंने अपने पिता के सपने को साकार करने का संकल्प लिया और बहुत छोटी ही उम्र में अपने करियर की शुरुआत कर दी।

इन संगीतकारों के साथ किया काम

उन्होंने अपने संगीत के करियर में कई महान संगीतकारों के साथ काम किया और भारतीय सिनेमा को अनेकों यादगार गीत भी दिए। 50 से 90 दशक के बीच उन्होंने ओ.पी नैयर, आर.डी बर्मन, खय्याम और बप्पी लहरी जैसे संगीत जगत के दिग्गजों के साथ मिलकर कई हिट गाने गाए। देखते ही देखते आशा भोसले के गीतों ने फिल्मों को सफल बनाया और उनके करियर को भी ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

आशा भोसले का जीवन भी उनकी गायकी की तरह ही रंगीन और बहुमुखी रहा। 91 वर्ष की उम्र में भी वे उसी जोश और उत्साह के साथ जी रही है जैसे वह जवानी में जिया करती थी। उन्होंने कई ऐसे गीत भी गाए जो उस दौर के लिए काफी बोल्ड और अलहदा थे। हालांकि, अपनी बड़ी बहन लता मंगेशकर की छाया में रहते हुए भी उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई।

कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए

आशा भोसले ने अपने शानदार करियर में कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान भी प्राप्त किए हैं। उन्होंने जिस तरह भारतीय सिनेमा में अपना योगदान दिया उसको देखते हुए कई बार उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्म फेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। साल 2000 में उन्हें भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी नवाजा गया था। इसके बाद साल 2011 में उन्होंने इतिहास रच दिया जब उनका नाम सबसे अधिक गीत गाने वाली गायिका के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ।

दो शादिया की

आशा भोसले ने अपने जीवन में दो विवाह किए हैं। पहला विवाह उन्होंने मात्र 16 वर्ष की उम्र में अपने से काफी बड़े अपनी बहन लता मंगेशकर के सेक्रेटरी गणपत राव से किया था। इस शादी से लता मंगेशकर और उनके परिवार खुश नहीं था। लेकिन यह रिश्ता ज्यादा लंबा चल नहीं पाया और दोनों अलग हो गए। फिर उन्होंने 47 वर्ष की उम्र में मशहूर संगीतकार आर.डी बर्मन से शादी की। यह रिश्ता आर.डी बर्मन के निधन तक कायम रहा। इस बीच लता मंगेशकर और आशा भोसले के रिश्ते को लेकर दोनों ही बहनों की खबर अक्सर आया करती थी। दोनों के संबंधों को लेकर कई तरह की अटकलें भी लगाई जाती थी। लेकिन आशा भोसले ने हमेशा इन खबरों को अफवाह बताया और इस तरह दोनों बहनों के रिश्ते मजबूत रहे।

 


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भावना चौबे

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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